Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Nov, 2024 12:21 PM
आज यानी 14 नवंबर को थोक महंगाई के आंकड़े जारी हो गए हैं। अक्टूबर में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में थोक महंगाई बढ़कर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पहले सितंबर महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.84% पर पहुंच गई थी। अगस्त...
बिजनेस डेस्कः रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई ने भी झटका दिया है। आज (14 नवंबर को) थोक महंगाई के आंकड़े जारी हो गए हैं। अक्टूबर में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में थोक महंगाई बढ़कर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इससे पहले सितंबर महीने में 1.84% पर थी। अगस्त में ये 1.31% पर आ गई थी।
आपको बता दें कि अक्टूबर में रिटेल महंगाई बढ़कर 6.21% पर पहुंच गई है। ये महंगाई का 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। अगस्त 2023 में महंगाई 6.83% रही थी। वहीं अक्टूबर से एक महीने पहले सितंबर 2024 में खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने से रिटेल महंगाई बढ़कर 5.49% पर पहुंच गई थी।
WPI का आम आदमी पर असर
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
RBI ने इस वित्त वर्ष के लिए रिटेल महंगाई अनुमान 4.5% रखा था
हाल ही में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के दौरान RBI ने इस वित्त वर्ष के लिए अपने महंगाई अनुमान को 4.5% पर अपरिवर्तित रखा था। RBI गवर्नर ने कहा था- महंगाई कम हो रही है लेकिन प्रोग्रेस धीमी और असमान है। भारत की महंगाई और ग्रोथ ट्रैजेक्टरी संतुलित तरीके से आगे बढ़ रही है लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है कि महंगाई टारगेट के अनुरूप हो।