Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Sep, 2024 12:33 PM
इस साल मानसून की अच्छी बारिश से पूरे देश में फसल उत्पादन बेहतर हुआ है लेकिन आम लोगों के लिए महंगाई की समस्या बढ़ गई है। प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो गया है।
बिजनेस डेस्कः इस साल मानसून की अच्छी बारिश से पूरे देश में फसल उत्पादन बेहतर हुआ है लेकिन आम लोगों के लिए महंगाई की समस्या बढ़ गई है। प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो गया है।
हरी सब्जियों के बढ़ते दाम
एक रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो शहरों में प्याज और टमाटर के भाव 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। हरी सब्जियों की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं और बड़े शहरों में शिमला मिर्च, लौकी और पालक जैसे उत्पाद 100 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं।
बढ़ती कीमतों का कारण
दिल्ली की आजादपुर मंडी के ट्रेडर्स के मुताबिक प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि का मुख्य कारण देश के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश है। प्रमुख उत्पादक राज्यों जैसे महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बारिश ने फसल को प्रभावित किया है। इसके अलावा सड़कों को नुकसान पहुंचने के कारण सप्लाई चेन भी बाधित हुई है।
रियायती भाव पर प्याज बेच रही सरकार
हर साल बारिश के मौसम में सब्जियों की कीमतें चढ़ जाती हैं लेकिन सरकार ने इस बार राहत पहुंचाने के लिए पहले ही प्याज की रियायती बिक्री शुरू कर दी है। 5 सितंबर से 35 रुपए प्रति किलो की दर पर प्याज प्रमुख शहरों में उपलब्ध कराया जा रहा है।
टमाटर की रियायती बिक्री की तैयारी
सरकारी सहकारी एजेंसियों एनसीसीएफ और नाफेड के माध्यम से प्याज की बिक्री की जा रही है। आने वाले दिनों में सरकार टमाटर की रियायती बिक्री शुरू करने पर भी विचार कर रही है। पिछले साल जब टमाटर के दाम बढ़े थे, तब रियायती बिक्री से कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली थी।