Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jun, 2024 04:21 PM
एडटेक स्टार्टअप कंपनी बायजू की दिक्कतें समाप्त होने की जगह लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब उसके ऊपर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो ने भी बकाए का दावा ठोका है। ओप्पो ने एनसीएलटी को बताया है कि एडुटेक कंपनी बायजू के ऊपर उसके 13 करोड़ रुपए बकाया हैं।
नई दिल्लीः एडटेक स्टार्टअप कंपनी बायजू की दिक्कतें समाप्त होने की जगह लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब उसके ऊपर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो ने भी बकाए का दावा ठोका है। ओप्पो ने एनसीएलटी को बताया है कि एडुटेक कंपनी बायजू के ऊपर उसके 13 करोड़ रुपए बकाया हैं।
ऐप प्री-इंस्टॉल करने का चार्ज बकाया
ओप्पो ने बकाए का यह दावा राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरू पीठ के समक्ष गुरुवार को किया ओप्पो का कहना है कि बायजू ने उसके उसके स्मार्टफोन में अपने ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का काम दिया था। उसी काम के एवज में बायजू पर 13 करोड़ रुपए बाकी हैं, जिसका भुगतान एडटेक कंपनी ने नहीं किया है।
इनसॉल्वेंसी से रिकवरी की मांग
ओप्पो ने बकाए का दावा करते हुए रिकवरी के लिए बायजू के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। उसका कहना है कि बायजू ने बकाए की बात स्वीकार की है। ऐसे में बकाए की रिकवरी के लिए उसे इनसॉल्वेंसी के तहत लाए जाने का साफ मामला बनता है। स्मार्टफोन कंपनी ने बायजू के ऊपर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उसका कहना है कि बायजू के प्रमोटर भगोड़े बन चुके हैं और वे अब भारत में नहीं रहते हैं। वहीं दूसरी ओर बायजू के वकील ने भगोड़ा शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जाहिर की।
अगले महीने 10 याचिकाओं पर सुनवाई
बायजू पहले से कर्ज संकट का सामना कर रही है। उसके खिलाफ एनसीएलटी में कई मामले चल रहे हैं। एनसीएलटी की बेंगलुरू बेंच अगले महीने की शुरुआत में एक ही दिन में बायजू से जुड़े कम से कम 10 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। कंपनी के ऊपर फंड का इस्तेमाल करने या शेयरों को बेचने व ट्रांसफर करने से रोक लगी हुई है।
सैलरी देने में आ रही हैं दिक्कतें
बायजू ने अपने आर्थिक संकट को कम करने के लिए हाल ही में राइट्स इश्यू के तहत 200 मिलियन डॉलर जुटाने में कामयाबी हासिल की थी लेकिन उससे भी कंपनी को कोई खास राहत नहीं मिल पाई है क्योंकि राइट्स इश्यू से जुटाए गए पैसों के इस्तेमाल पर भी रोक लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर बायजू का आर्थिक संकट इस कदर गंभीर हो चुका है कि वह अपने कर्मचारियों को सैलरी तक देने में संघर्ष कर रही है।