Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2025 11:51 AM
एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट (Anti-Corruption Bureau Court) ने सेबी (SEBI) की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद मार्केट रेगुलेटर सेबी कानूनी कदम उठाने की तैयारी...
बिजनेस डेस्कः एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट (Anti-Corruption Bureau Court) ने सेबी (SEBI) की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद मार्केट रेगुलेटर सेबी कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में सेबी ने कहा कि 1994 में बीएसई में लिस्ट हुई एक कंपनी से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले में कोर्ट के आदेश के जवाब में कानूनी मदद ली जाएगी। सेबी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह तय नियमों और कानूनों का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
शनिवार को दिए गए कोर्ट के आदेश के अनुसार, पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच, पूर्व बीएसई चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल और बीएसई एमडी एवं सीईओ सुंदरम् राममूर्ति सहित अन्य तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
सेबी ने क्या कुछ कहा?
मार्केट रेगुलेटर ने अपने बयान में कहा है कि ये अधिकारी उस समय (1994) अपने पोस्ट पर भी नहीं थे। सेबी ने कहा, “कोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए या सेबी को तथ्य प्रस्तुत करने का मौका दिए बगैर ये अनुमति दे दी”
बीएसई ने क्या कुछ रहा?
बीएसई ने अपने प्रेस रिलीज में कहा है कि कोर्ट पेपर्स में काल्स रिफाइनरीज का नाम सामने आया है। कंपनी की लिस्टिंग 1994 में हुई थी। एक्सचेंज ने अपने बयान में कहा है, “जिन अधिकारियों का नाम है वो सभी कंपनी की लिस्टिंग के दौरान चिन्हित पद पर नहीं थे। और कंपनियों के साथ भी नहीं जुड़े थे।” बीएसई ने इस पूरे एप्लीकेशन को छोटो और दुख पहुंचाने वाला करार दिया है।
बीएसई ने आगे अपने बयान में कहा कि बिना किसी नोटिस और तथ्यों के प्रस्तुत करने का मौका दिए बगैर इस एप्लीकेशन की अनुमति दे दी गई। बीएसई आवश्यक कानूनी कदम उठाने जा रहा है।