Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Mar, 2025 05:54 PM

नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) 2022 के तहत 928 दवाओं की अधिकतम कीमत तय की है और 3,200 से अधिक नई दवाओं के लिए खुदरा कीमतें निर्धारित की हैं। इसके चलते दवाओं की कीमतों में औसतन 17% की कमी आई है,...
बिजनेस डेस्कः नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) 2022 के तहत 928 दवाओं की अधिकतम कीमत तय की है और 3,200 से अधिक नई दवाओं के लिए खुदरा कीमतें निर्धारित की हैं। इसके चलते दवाओं की कीमतों में औसतन 17% की कमी आई है, जिससे मरीजों को हर साल करीब 3,788 करोड़ रुपए की बचत हो रही है।
सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की सरकारी पहलें
सरकार ने दवाओं को किफायती बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं:
- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) – जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 50-80% कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- AMRIT (Affordable Medicines and Reliable Implants for Treatment) योजना – कैंसर, हृदय रोग और सर्जिकल इम्प्लांट जैसी महत्वपूर्ण दवाओं पर 50% तक की छूट दी जा रही है।
- फ्री ड्रग्स सर्विस इनिशिएटिव – सरकार राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है ताकि मरीजों को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त दवाएं मिल सकें।
फ्री ड्रग्स सर्विस इनिशिएटिव के तहत विभिन्न स्तरों पर मुफ्त दवाएं
- 106 दवाएं – सब-हेल्थ सेंटर स्तर पर
- 172 दवाएं – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्तर पर
- 300 दवाएं – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) स्तर पर
- 318 दवाएं – उप-जिला अस्पताल स्तर पर
- 381 दवाएं – जिला अस्पताल स्तर पर
जन औषधि योजना का विस्तार
वर्तमान में, PMBJP योजना के उत्पाद पोर्टफोलियो में 2,047 दवाएं और 300 सर्जिकल, मेडिकल कंज्यूमेबल और डिवाइसेस शामिल हैं। मार्च 31 तक इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2,100 दवाएं और 310 सर्जिकल उत्पादों तक पहुंचाने की योजना है।
NPPA द्वारा अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दोनों प्रकार की दवाओं की कीमतों की निगरानी की जा रही है, जिससे मरीजों को जरूरी दवाएं सस्ती दरों पर मिल सकें।