Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2025 12:53 PM

देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन जितनी तेजी से बढ़े हैं, उसी रफ्तार से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि 2014-15 में डिजिटल धोखाधड़ी से जनता को 18.46 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 177...
बिजनेस डेस्कः देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन जितनी तेजी से बढ़े हैं, उसी रफ्तार से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि 2014-15 में डिजिटल धोखाधड़ी से जनता को 18.46 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 177 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
10 साल में बढ़ता रहा डिजिटल फ्रॉड का खतरा
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:
- 2014-15: 18.46 करोड़ रुपए का नुकसान
- 2015-16: 27 करोड़ रुपए
- 2016-17: 28 करोड़ रुपए
- 2017-18: 80 करोड़ रुपए
- 2023-24: 177 करोड़ रुपए (अब तक का सबसे बड़ा नुकसान)
- 2024-25: केवल 9 महीनों में 107 करोड़ रुपए की ठगी
सरकारी प्रयास और नागरिकों के लिए अलर्ट
सरकार ने लोकसभा में बताया कि डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। ग्राहकों को जागरूक करने, फ्रॉड रोकने के उपायों को लागू करने और शिकायत दर्ज कराने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं ताकि लोग जल्दी कार्रवाई कर सकें और धोखाधड़ी से बच सकें।
हालांकि, ये आंकड़े केवल बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दर्ज शिकायतों पर आधारित हैं, इसलिए असली नुकसान इससे भी कहीं ज्यादा हो सकता है।