Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2024 01:44 PM
कुछ साल पहले तक क्रेडिट कार्ड हासिल करना किसी व्यक्ति की समृद्धता का प्रतीक भी माना जाता था। मगर, अब स्थितियां बदल रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की सख्ती और नए नियमों के चलते क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च तेजी से कम हो रहा है। क्रेडिट कार्ड...
बिजनेस डेस्कः कुछ साल पहले तक क्रेडिट कार्ड हासिल करना किसी व्यक्ति की समृद्धता का प्रतीक भी माना जाता था। मगर, अब स्थितियां बदल रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की सख्ती और नए नियमों के चलते क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च तेजी से कम हो रहा है। क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले डिस्काउंट और ऑफर भी अब लोगों को लुभा नहीं पा रहे हैं। आलम यह है कि वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले इस वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड से खर्च एक तिहाई ही रह गया है।
क्रेडिट कार्ड खर्च की वृद्धि दर में गिरावट
मैक्वेरी रिसर्च (Macquarie Research) के डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में क्रेडिट कार्ड से खर्च की वृद्धि दर 54.1 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2023 में घटकर 47.5 फीसदी हो गई। इसके बाद वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा और कम होकर 27.8 फीसदी तक पहुंच गया। इस वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड से खर्च की वृद्धि दर मात्र 16.6 फीसदी रह गई है। RBI द्वारा असुरक्षित लोन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का असर क्रेडिट कार्ड द्वारा किए जा रहे खर्च पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
फेस्टिव सीजन में भी कमी
हर साल फेस्टिव सीजन के दौरान सितंबर से दिसंबर तक क्रेडिट कार्ड से खर्च अपने चरम पर पहुंच जाता था लेकिन इस साल ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2022 में खर्च में भारी वृद्धि देखी गई थी लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं।
नए क्रेडिट कार्ड जुड़ने की दर में गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) का क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2024 में 4.4 फीसदी घटा है, जबकि एसबीआई कार्ड्स (SBI Cards) का क्रेडिट घाटा 7.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 में 6.2 फीसदी रहा। मैक्वेरी रिसर्च ने कहा है कि RBI के नए नियमों और कड़ी जांच के प्रभाव से क्रेडिट ग्रोथ में मंदी आगे भी जारी रहेगी।