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देश में व्यक्तिगत Home Loan 14% बढ़ा, एमआईजी सेगमेंट में सबसे अधिक कर्ज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2025 12:55 PM

personal home loan increased by 14 in the country

देश में व्यक्तिगत मकान कर्ज बकाया सितंबर के अंत तक सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 33.53 लाख करोड़ रुपए रहा। सबसे ज्यादा कर्ज एमआईजी खंड में है। राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) ने एक रिपोर्ट में यह कहा। भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला

नई दिल्लीः देश में व्यक्तिगत मकान कर्ज बकाया सितंबर के अंत तक सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 33.53 लाख करोड़ रुपए रहा। सबसे ज्यादा कर्ज एमआईजी खंड में है। राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) ने एक रिपोर्ट में यह कहा। भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला सांविधिक निकाय एनएचबी ने देश में आवास के रुझान और प्रगति पर जारी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘30 सितंबर, 2024 तक, ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर तबका) और एलआईजी (निम्न आय समूह) का बकाया व्यक्तिगत आवास ऋणों में 39 प्रतिशत, एमआईजी (मध्यम आय समूह) का 44 प्रतिशत और एचआईजी (उच्च आय समूह) का 17 प्रतिशत था।''

रिपोर्ट में आवास परिदृश्य और मकान की कीमतों में उतार-चढ़ाव, आवास क्षेत्र में केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम, आवास ऋण उपलब्ध कराने में प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों (पीएलआई) की भूमिका, आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के प्रदर्शन और क्षेत्र के लिए संभावनाओं को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में पीएमएवाई-ग्रामीण (प्रधानमंत्री आवास योजना), पीएमएवाई-शहरी, पीएमएवाई-शहरी का प्रभाव आकलन, शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ), किफायती किराया आवास परिसर (एआरएचसी) जैसे केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को शामिल किया गया है। 

इसमें यह भी कहा गया है कि बजट में पीएमएवाई 2.0 को लेकर घोषणाओं, शहरीकरण और अन्य कारकों की वजह से आवास क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण आशाजनक बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) ने घर खरीदारों की विविध जरूरतों को पूरा करके आवास क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पात्रता मानदंड को लेकर लचीलापन, मजबूत ग्राहक सेवा और कम प्रसंस्करण समय के कारण आवास वित्त कंपनियों ने भारतीय वित्तीय परिदृश्य में अपना स्थान सुरक्षित किया है। 

एनएचबी ने कहा, ‘‘हालांकि आवास क्षेत्र ने मजबूत वृद्धि दिखाई है, लेकिन कर्ज प्रवाह में क्षेत्रीय असमानताएं एचएफसी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। आवास वित्त का वितरण का बड़ा हिस्सा दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में है, जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में ऋण प्रवाह कम है।'' इसी तरह, देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आवास वित्त कंपनियों का शाखा नेटवर्क पहुंच कम है। एनएचबी ने कहा कि आवास वित्त में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के प्रयास जारी हैं। सरकार और विनियामक कम सेवा वाले क्षेत्रों में आवास ऋण पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें सह-उधार मॉडल जैसी पहल शामिल हैं। इसका उद्देश्य सेवाओं की पहुंच से वंचित लोगों तक आवास ऋण पहुंचाने के लिए बैंकों की नकदी को एचएफसी की पहुंच के साथ जोड़ना शामिल है।  
 

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