Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Dec, 2024 03:27 PM
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को नवीकरणीय और तापीय बिजली आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी समूह को ठेका देने के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि इस याचिका के पीछे कोई आधार नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और...
मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को नवीकरणीय और तापीय बिजली आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी समूह को ठेका देने के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि इस याचिका के पीछे कोई आधार नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता श्रीराज नागेश्वर एपुरवार पर अस्पष्ट याचिका के लिए 50,000 रुपए की लागत भी लगाई।
एपुरवार ने आरोप लगाया था कि 6,600 मेगावाट नवीकरणीय और तापीय बिजली आपूर्ति के लिए अदाणी समूह को दिए गए ठेके से याचिकाकर्ता तक उचित दर पर उचित बिजली आपूर्ति के उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है। याचिका में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जो वर्तमान में उपमुख्यमंत्री हैं, पर अदाणी समूह को ठेका देने के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया था।
पीठ ने हालांकि दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘हमारी राय में, निराधार और लापरवाही से भरे बयानों वाली ऐसी याचिकाएं दायर करने से कभी-कभी अच्छे इरादे से किए जाने वाले काम को भी नुकसान होने का जोखिम रहता है।'' अदालत ने कहा कि याचिका में अस्पष्ट और निराधार दावे किए गए थे कि ठेका देने में सरकारी अधिकारियों ने घोटाला किया। अदालत ने याचिकाकर्ता को जुर्माने के तौर पर महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में 50,000 रुपए जमा करने का निर्देश दिया।