Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Dec, 2024 12:45 PM
भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार (IPM) ने नवंबर में 9.9% वैल्यू ग्रोथ और 3.1% वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की है। मार्केट रिसर्च फर्म Pharmarack द्वारा जारी डेटा के अनुसार, चार महीनों की कमजोर प्रदर्शन के बाद यह सुधार देखने को मिला है।
नई दिल्ली: भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार (IPM) ने नवंबर में 9.9% वैल्यू ग्रोथ और 3.1% वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की है। मार्केट रिसर्च फर्म Pharmarack द्वारा जारी डेटा के अनुसार, चार महीनों की कमजोर प्रदर्शन के बाद यह सुधार देखने को मिला है।
प्रमुख सेगमेंट में सुधार
Pharmarack की वाइस प्रेसिडेंट-कमर्शियल शीतल सापले ने बताया, "कार्डियक, गैस्ट्रो, एंटी-डायबिटीज और डर्मा सेगमेंट में IPM की औसत वृद्धि 9.9% से अधिक रही है। शीर्ष थेरेपी क्षेत्रों में अधिकांश ने सकारात्मक वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की है। कुछ क्षेत्रों में यूनिट ग्रोथ भी प्रोत्साहनजनक है।"
- कैंसर की दवाएं (एंटी-नियोप्लास्टिक्स): 11.8% वॉल्यूम ग्रोथ।
- डर्मेटोलॉजी और यूरोलॉजी: क्रमशः 8.3% और 8.9% यूनिट ग्रोथ।
- कीमतों में वृद्धि और नई दवाओं का लॉन्च प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर्स रहे।
वार्षिक बिक्री में वृद्धि
कार्डियक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और एंटी-इंफेक्टिव थेरेपी क्षेत्रों की वार्षिक वृद्धि क्रमशः 12%, 13% और 12% रही।
IPM की कुल वार्षिक वृद्धि 8% रही।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाली दवाएं
- ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की एंटीबायोटिक दवा ऑगमेंटिन: ₹77 करोड़ की बिक्री।
- USV की ग्लाइकोमेट GP: 68 करोड़ रुपए की बिक्री।
मांग और खपत में वृद्धि
सापले के अनुसार, नवंबर में घरेलू फार्मा बाजार में रिकवरी देखी गई है और अब ग्रोथ स्थिर होने की संभावना है।
"एंटी-इंफेक्टिव और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सेगमेंट में खपत बढ़ी है, जो मौसमी बीमारियों जैसे खांसी और सर्दी के कारण हो सकता है।"