Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Aug, 2024 05:44 PM
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपने बाजार को बढ़ाने के लिए दी जा रही भारी छूट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के डिस्काउंट ऑफर पारंपरिक रिटेल सेक्टर में रोजगार के नुकसान का कारण बन सकते हैं।...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपने बाजार को बढ़ाने के लिए दी जा रही भारी छूट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के डिस्काउंट ऑफर पारंपरिक रिटेल सेक्टर में रोजगार के नुकसान का कारण बन सकते हैं। गोयल ने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स का महत्व तो है लेकिन इसके लाभ और हानि को ध्यान में रखते हुए इसे अधिक संगठित तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।
गोयल ने 'भारत में रोजगार और उपभोक्ता कल्याण पर ई-कॉमर्स का नेट प्रभाव' नामक रिपोर्ट के लॉन्च के दौरान चिंता जताई कि क्या कीमतों को घटाने की ऐसी नीतियां देश के लिए फायदेमंद हैं। उन्होंने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की निवेश रणनीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इन कंपनियों के नुकसान की भरपाई उनके प्रमुख प्रोफेशनल्स और वकीलों को किए गए भारी भुगतान से की जाती है।
Amazon को ऑफर के क्या है फायदे या नुकसान
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब एमेजॉन (Amazon) कहता है कि हम भारत में एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे, तो हम सब जश्न मनाते हैं लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि यह अरब डॉलर किसी महान सेवा या भारतीय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए नहीं आ रहा है। उन्होंने उस वर्ष अपनी बैलेंस शीट में एक अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया। उन्हें उसकी भरपाई करनी ही होगी।’
गोयल ने आगे एमेजॉन के बढ़ते घाटे पर सवाल उठाया और कहा ‘वह नुकसान कैसे हुआ? उन्होंने प्रोफेशनल्स को 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया– मुझे नहीं पता कि ये प्रोफेशनल्स कौन हैं। मैं खुद एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हूं, मैंने कानून की पढ़ाई की है। मुझे जानना अच्छा लगेगा कौन से CA, प्रोफेशनल, वकीलों को 1,000 करोड़ रुपए मिलते हैं। कंपनियां उन सभी टॉप वकीलों को पेमेंट कर रही हैं, ताकि उनके खिलाफ केस लड़ने वाला ही कोई न रहे।’
गोयल ने कहा, ‘अगर आप एक साल में 6,000 करोड़ रुपए का नुकसान करते हैं, तो क्या यह आप में से किसी के लिए गलत मूल्य निर्धारण की तरह नहीं है? वह नुकसान किस बात पर हुआ? आखिरकार, वे एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं, उन्हें कानूनी तौर पर B2C (बिजनेस टु कॉमर्स) करने की अनुमति नहीं है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कानूनी तौर पर उपभोक्ता से व्यापार (पर B2C) नहीं कर सकता।’
ई-कॉमर्स रोजगार के लिए अहम मगर निष्पक्ष नियमों की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स रोजगार पैदा करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है और ऑनलाइन विक्रेताओं द्वारा 54% अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। इनमें लगभग दोगुनी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। रिपोर्ट ने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव के बावजूद पारंपरिक रिटेल का अस्तित्व बना हुआ है और यह फल-फूल रहा है।
हालांकि, गोयल इस रिपोर्ट से असहमत थे और उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यवसायों की सुरक्षा और ई-कॉमर्स में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की आवश्यकता है। सरकार को ई-कॉमर्स के रोजगार और स्थानीय व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना चाहिए।
पहल इंडिया फाउंडेशन (Pahle India Foundation) की रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स रोजगार पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है और ऑनलाइन विक्रेता 54 प्रतिशत अधिक लोगों को रोजगार देते हैं, जिनमें लगभग दोगुनी संख्या में महिला कर्मचारी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि ई-कॉमर्स की वृद्धि पारंपरिक रिटेल के खर्च पर नहीं हुई है। 2020 ई-कॉमर्स के लिए शानदार साल था। उस दौरान कम से कम पांचवें हिस्से से भी कम ऑफलाइन विक्रेताओं ने अपने पड़ोस में फिजिकल स्टोर बंद होने की सूचना दी। रिपोर्ट में कहा गया कि फिजिकल रिटेल का विकास और विस्तार जारी है।
हालांकि, गोयल इस रिपोर्ट से सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यवसायों की सुरक्षा और ई-कॉमर्स में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की आवश्यकता है। सरकार को ई-कॉमर्स के रोजगार और स्थानीय व्यवसायों पर प्रभाव का अध्ययन करना चाहिए।