कार्बन टैक्स पर स्टील कारोबारियों से चर्चा को तैयार पीयूष गोयल, कहा- 2047 तक 50 करोड़ टन उत्पादन का रखें टार्गेट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Sep, 2024 04:28 PM

piyush goyal ready to discuss carbon tax with steel traders

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस्पात क्षेत्र में सतत विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस्पात उद्योग की शीर्ष हस्तियों के साथ कार्बन सीमा समायोजन कर पर चर्चा करने का गुरुवार को सुझाव दिया। उन्होंने उद्योग से 2047 तक 50 करोड़ टन इस्पात...

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस्पात क्षेत्र में सतत विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस्पात उद्योग की शीर्ष हस्तियों के साथ कार्बन सीमा समायोजन कर पर चर्चा करने का गुरुवार को सुझाव दिया। उन्होंने उद्योग से 2047 तक 50 करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखने को भी कहा। वर्तमान में उद्योग की नजर 2030 तक 30 करोड़ टन उत्पादन करने पर है। मंत्री ने उद्योग को कार्बन उत्सर्जन कम करने और देश में उच्च उत्पादकता तथा गुणवत्ता वाले इस्पात को बढ़ावा देने के लिए नए व बेहतर तरीके खोजने का भी सुझाव दिया। 

AI का करें इस्तेमाल

उन्होंने एक इस्पात सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आइए हम अपने उत्पादन को अनुकूलित करने, अपशिष्ट को कम करने और वैल्यू चेन की दक्षता में सुधार करने तथा संसाधनों के सर्वोत्तम इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में काम करने के लिए कृत्रिम मेधा (AI) का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।’’ कार्बन टैक्स पर उन्होंने सुझाव दिया कि इस्पात इंडस्ट्री की चार-पांच शीर्ष हस्तियां इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श के लिए उनके साथ बैठक कर सकती हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार धन की कमी के कारण निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट (आरओडीटीईपी) योजना का लाभ इस क्षेत्र को नहीं दे पा रही है।

सीमा समायोजन कर

गोयल ने कहा, ‘‘आईए सीमा समायोजन कर पर एक और प्रयास करते हैं। भारत में आने वाले आयातित इस्पात पर ये सभी कर (जैसे कोयला उपकर तथा बिजली शुल्क) नहीं चुकाने पड़ते। सीमा समायोजन कर एक विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) शिकायत तंत्र है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिजली शुल्क, कोई भी अतिरिक्त राज्य शुल्क या कर जो आपको नहीं मिल रहा है, जो अन्य देशों में नहीं वसूला जा रहा है, उसे सीमा समायोजन कर के जरिये समायोजित किया जा सकता है। इसलिए आइए हम 4-5 लोग बैठें और इस वार्ता को आगे बढ़ाएं।’’ गोयल ने उद्योग से अन्य देशों में किसी भी अनुचित व्यापार प्रथाओं के बारे में सरकार को सूचित करने को भी कहा, ताकि भारत उनके खिलाफ जवाबी कदम उठा सके।

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