Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jul, 2024 11:13 AM
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल रविवार को स्विट्जरलैंड की यात्रा पर जा रहे हैं। वह इस साल की शुरुआत में हुए भारत और यूरोप मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के व्यापार समझौते के तहत 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के मुताबिक वहां के निवेशकों से...
नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल रविवार को स्विट्जरलैंड की यात्रा पर जा रहे हैं। वह इस साल की शुरुआत में हुए भारत और यूरोप मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के व्यापार समझौते के तहत 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के मुताबिक वहां के निवेशकों से मुलाकात करेंगे। गोयल के इस दौरे में दोनों पक्षों द्वारा व्यापार समझौते की पुष्टि को लेकर भी बातचीत होगी।
ईएफटीए देशों में आइसलैंड, स्विटजरलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन शामिल हैं। ईएफटीए और भारत के बीच व्यापार समझौते पर मार्च में हस्ताक्षर हुए थे, जिसके लिए 16 साल में 21 दौर की बातचीत हुई। व्यापार समझौते के तहत ईएफटीए देशों ने समझौता लागू होने के 10 साल के भीतर 50 अरब डॉलर निवेश और उसके अगले 5 साल में अतिरिक्त 50 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मूर्त रूप देने के लिए भारत के नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को अगले 15 वर्षों में डॉलर के हिसाब से लगभग 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ाने की जरूरत होगी। फिक्की की ओर से बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गोयल ने कहा, ‘रविवार के एजेंडे में उद्योग से बातचीत शामिल है, जिसमें देखना है कि निवेश की शुरुआत के लिए हम क्या कर सकते हैं। क्योंकि 100 अरब डॉलर का निवेश रातोंरात नहीं हो सकता है।’ इस बैठक में उद्योग जगत की उपस्थिति रहने की संभावना है, जिसमें ज्यादातर स्विटजरलैंड के होंगे। यह निवेश निजी क्षेत्र की ओर से होना है और ईएफटीए देशों की सरकारें उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगी। हालांकि अगर निवेश प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं होती हैं तो भारत शुल्क रियायतों को आंशिक रूप से वापस ले सकता है।
बहरहाल ईएफटीए की ओर से भारत के साथ वार्ता करने वाली स्विटजरलैंड की आर्थिक मामलों की राज्य सचिव हेलेन बुडलिगर आर्टिएडा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से मार्च में बातचीत में कहा था कि यह प्रतिबद्धता कानूनी रूप से ईएफटीए देशों के लिए बाध्यकारी नहीं है। यह सहमति पत्र से कुछ अधिक है।
भारत -ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध
मंत्री ने आगे कहा कि भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई शुरुआती प्रतिबद्धता उत्साहजनक है। लेबर पार्टी गंभीरता से प्रतिबद्ध है और मोदी सरकार भी।’ ऋषि सुनक के नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी की हार के बाद शुक्रवार को कियर स्टार्मर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला है। स्टार्मर की जीत से भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद बढ़ गई है, जो लंबे समय से लंबित है।
भारत और ब्रिटेन पिछले ढाई साल से व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। भारत में नई सरकार बनने के बाद दोनों पक्षों ने जुलाई में समझौते की उम्मीद जताई थी। बहरहाल ब्रिटेन में वक्त से पहले चुनाव होने की वजह से पूरी प्रक्रिया में और देरी हो रही है।