Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Nov, 2024 12:41 PM
वर्ष 2032 तक देश में बिजली पारेषण बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए कुल 9.12 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है। सरकार ने संसद में यह जानकारी दी है। बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा...
नई दिल्लीः वर्ष 2032 तक देश में बिजली पारेषण बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए कुल 9.12 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है। सरकार ने संसद में यह जानकारी दी है। बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय विद्युत योजना (पारेषण) वर्ष 2031-32 तक की पारेषण योजना को अपने दायरे में लाती है।
इस योजना के मुताबिक, वर्ष 2022-23 से वर्ष 2031-32 तक 10 साल की अवधि में 1,91,474 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) पारेषण लाइन और 1274 गीगा वोल्ट एम्पीयर (जीवीए) ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता (220 केवी और उससे अधिक वोल्टेज स्तर पर) जोड़ी जाएगी। इसके साथ ही नाइक ने बताया कि 33.25 गीगावाट हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) बाइ-पोल लिंक की भी योजना बनाई गई है।
उन्होंने सदन को बताया कि इस योजना पर कुल 9,16,142 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है उन्होंने बताया कि 7,300 मेगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता निर्माणाधीन है और 7,000 मेगावाट क्षमता को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। नाइक ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के बारे में कहा कि 31 अक्टूबर, 2024 तक कुल 1,27,050 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता कार्यान्वयन के अधीन है और 89,690 मेगावाट के लिए बोली प्रक्रिया चल रही है।