Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Dec, 2024 11:39 AM
भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही हैं। इस योजना के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए (26 अरब अमेरिकी डॉलर) का प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जो देश की विनिर्माण और निर्यात...
बिजनेस डेस्कः भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही हैं। इस योजना के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए (26 अरब अमेरिकी डॉलर) का प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जो देश की विनिर्माण और निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है।
मुख्य उपलब्धियां
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, नवंबर 2020 में शुरू की गई इस योजना ने अब तक उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं:
- 1.46 लाख करोड़ रुपए (17.5 अरब डॉलर) के निवेश को प्रोत्साहित किया।
- 12.50 लाख करोड़ रुपए (150 अरब डॉलर) के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया।
- 4 लाख करोड़ रुपए (48 अरब डॉलर) के निर्यात में वृद्धि की।
- 9.5 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित किए।
14 प्रमुख क्षेत्रों में विस्तार
PLI योजना का प्रभाव 14 प्रमुख क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिनमें मोबाइल निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, विशेष इस्पात, टेलीकॉम, और उन्नत रसायन कोशिका (ACC) बैटरियां शामिल हैं। अब तक, 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,300 से अधिक विनिर्माण इकाइयां स्थापित की गई हैं। यह विकेंद्रीकरण देश के विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित कर रहा है।
MSME क्षेत्र में प्रभाव
PLI योजना ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में भी बड़ी वृद्धि की है। विभिन्न क्षेत्रों में एंकर इकाइयों की स्थापना ने सहायक आपूर्ति श्रृंखला की मांग बढ़ाई है, जिससे MSME क्षेत्र में नई विनिर्माण इकाइयों का विकास हो रहा है।
श्वेत वस्तुओं का उदाहरण
एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के लिए PLI योजना एक बड़ी सफलता रही है। 2021-22 से 2028-29 तक के लिए 6,238 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है।
- अब तक 47% निवेश लक्ष्य और 100% प्रत्यक्ष रोजगार लक्ष्य (48,000 नौकरियां) हासिल किया गया है।
- घरेलू मूल्य संवर्धन 20-25% से बढ़कर 75-80% तक पहुंचने की संभावना है।
भविष्य की योजनाएं
PLI योजना के तहत मोबाइल निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, ड्रोन, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल और उन्नत रसायन कोशिका बैटरियों जैसे 14 क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है। यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।