Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jun, 2024 05:30 PM
सरकार आयात कम करने के लिए इस्पात विनिर्माताओं को धुले हुए पीसीआई कोयले की पेशकश करने की तैयारी में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इस संबंध में नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पीसीआई (पुल्वराइज्ड कोल इंजेक्शन) कोयला एक प्रकार का...
नई दिल्लीः सरकार आयात कम करने के लिए इस्पात विनिर्माताओं को धुले हुए पीसीआई कोयले की पेशकश करने की तैयारी में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इस संबंध में नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पीसीआई (पुल्वराइज्ड कोल इंजेक्शन) कोयला एक प्रकार का धातुकर्म कोयला है, जिसका इस्तेमाल इस्पात बनाने की प्रक्रिया में कोक के आंशिक प्रतिस्थापन के लिए सहायक ईंधन के रूप में किया जाता है। यह इस्पात संयंत्र की दक्षता बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।
कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एम नागराजू ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ''हम वास्तव में एक नीति के बारे में सोच रहे हैं... जिसके तहत हम इस्पात क्षेत्र में अंतिम उपयोग के लिए धुले हुए पीसीआई कोयले की पेशकश करेंगे, ताकि हम आयात कम कर सकें।'' उन्होंने यह भी कहा कि पीसीआई कोयले में राख की मात्रा को हटाना जरूरी है। नागराजू ने कहा कि इस समय देश के ज्यादातर इस्पात विनिर्माता पीसीआई कोयले का आयात करते हैं और 2030 तक इसकी मांग 2-3 करोड़ टन तक बढ़ने का अनुमान है।