Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Mar, 2025 10:44 AM

घरेलू म्युचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के पंजीकरण में तेजी से वृद्धि के बावजूद, SIP खातों को समय से पहले बंद करने की दर भी बढ़ रही है। साल 2023 में 3.48 करोड़ नए एसआईपी पंजीकरण हुए लेकिन 2024 के अंत तक इनमें से केवल 1.82...
बिजनेस डेस्कः घरेलू म्युचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के पंजीकरण में तेजी से वृद्धि के बावजूद, SIP खातों को समय से पहले बंद करने की दर भी बढ़ रही है। साल 2023 में 3.48 करोड़ नए एसआईपी पंजीकरण हुए लेकिन 2024 के अंत तक इनमें से केवल 1.82 करोड़ एसआईपी खाते सक्रिय रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पंजीकरण के दो साल के भीतर लगभग 48% एसआईपी खाते बंद हो गए।
इसके मुकाबले, 2022 में पंजीकरण हुए 2.57 करोड़ SIP खातों में से 42% 2023 के अंत तक बंद हो गए थे। ये आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की मासिक रिपोर्ट से प्राप्त हुए हैं।
एसआईपी के बारे में उद्योग और निवेश विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करने के लाभ को देखते हुए, 3 साल से अधिक के निवेश को बरकरार रखना आदर्श माना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में ऑनलाइन और फिनटेक प्लेटफॉर्मों की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण एसआईपी खातों के बंद होने की दर में वृद्धि हो रही है। इन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से निवेश में आसान प्रक्रिया और बिना कमीशन वाले डायरेक्ट प्लान के कारण निवेशक तेजी से अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर रहे हैं।
मार्च 2024 तक 21.2% रेगुलर प्लान निवेशकों की होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक रही, जबकि डायरेक्ट प्लान में यह आंकड़ा केवल 7.7% था। 2013 में शुरू किए गए डायरेक्ट प्लान में होल्डिंग अवधि अपेक्षाकृत कम रही है। रिपोर्ट के अनुसार, यह दर्शाता है कि पारंपरिक मध्यस्थों द्वारा दी गई सलाह ने ऐतिहासिक रूप से लंबी अवधि के निवेशकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
साथ ही इन फिनटेक प्लेटफॉर्मों में एसआईपी संपादन का विकल्प उपलब्ध होने से भी निवेशकों द्वारा नए पंजीकरण और बदलाव की दर बढ़ रही है। वहीं, 2024 में सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई है लेकिन शेयर बाजार में हालिया गिरावट ने एसआईपी पंजीकरण की गति को धीमा कर दिया है।