Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2025 03:42 PM
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भारत में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने का प्रस्ताव चर्चा में है। तम्बाकू उत्पादों पर कंपन्सेशन सेस को हटाने के बाद ये बड़ा कदम उठाया जा सकता है। वर्तमान में, सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ...
बिजनेस डेस्कः भारत में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने का प्रस्ताव चर्चा में है। तम्बाकू उत्पादों पर कंपन्सेशन सेस को हटाने के बाद ये बड़ा कदम उठाया जा सकता है। वर्तमान में, सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ कंपन्सेशन सेस और अन्य टैक्स लगाए जाते हैं, जिससे इन उत्पादों पर कुल अप्रत्यक्ष कर का बोझ 53 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। प्रस्तावित बदलाव में, तम्बाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने और अलग से एक्साइज ड्यूटी वसूलने की संभावना है।
31 मार्च, 2026 को कंपन्सेशन सेस खत्म हो जाएगा। ऐसे में तंबाकू उत्पादों से जनरेट होने वाले रेवेन्यू को बरकरार रखने के लिए 40 प्रतिशत जीएसटी वसूलने का विचार किया जा रहा है। हालांकि, जीएसटी काउंसिल ही तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अंतिम फैसला लेगा। बताते चलें कि तंबाकू उत्पादों को 'Sin Goods' की कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेगरी में आने वाले उत्पादों पर कई तरह के टैक्स वसूले जाते हैं, जिनमें जीएसटी के अलावा एक्साइज ड्यूटी, कंपन्सेशन सेस, एनसीसीडी (National Calamity Contingent Duty) शामिल है।
भारत सरकार को तंबाकू उत्पादों से हर साल हजारों करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्राप्त होता है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने तंबाकू उत्पादों की होने वाली बिक्री से कुल 72,788 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। तंबाकू उत्पादों में सिगरेट के अलावा पान मसाला आदि शामिल हैं।