Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jan, 2025 03:58 PM
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में निजी निवेश FY24 में GDP के प्रतिशत के रूप में आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने वाला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि निजी कॉर्पोरेट निवेश में मजबूत पुनरुत्थान देखा गया है और FY24 में GDP के...
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में निजी निवेश FY24 में GDP के प्रतिशत के रूप में आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने वाला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि निजी कॉर्पोरेट निवेश में मजबूत पुनरुत्थान देखा गया है और FY24 में GDP के मुकाबले निजी निवेश 12.5% के करीब पहुंचने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया, "GDP के मुकाबले निजी कॉर्पोरेट निवेश FY16 के बाद से FY23 में 11.9% तक पहुंच गया, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम है। FY24 का डेटा, जो फरवरी के अंत में जारी होगा, यह दिखा सकता है कि निजी निवेश GDP के करीब 12.5% तक पहुंच गया है।"
FY23 में सरकारी निवेश भी ऐतिहासिक
रिपोर्ट के अनुसार, FY23 में निजी कॉर्पोरेट निवेश GDP के 11.9% तक पहुंचा, जबकि सरकारी निवेश GDP का 4.1% था, जो FY12 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है।
FY25 में निवेश की बड़ी घोषणाएं
FY25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2024) में भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश की बड़ी घोषणाएं की गईं। इस दौरान भारत में कंपनियों ने 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की घोषणाएं कीं, जो पिछले साल के 23 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 39% अधिक है। इसमें निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 70% तक बढ़ गई है।
भारतीय कंपनियों की संपत्ति में वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय कंपनियों की संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई है। लगभग 4,500 सूचीबद्ध कंपनियों ने मार्च 2024 तक अपनी कुल संपत्ति (ग्रॉस ब्लॉक) को 106.5 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाया, जो मार्च 2020 में 73.94 लाख करोड़ रुपए थी। इसका मतलब है कि पिछले पांच वर्षों में हर साल औसतन 8 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति जोड़ी गई।
भविष्य में निवेश का मजबूत संकेत
मार्च 2024 तक 13.63 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत कार्य प्रगति (कैपिटल वर्क इन प्रोग्रेस) के साथ, भविष्य में निवेश के लिए मजबूत संकेत मिल रहे हैं।
एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, यह डेटा निजी कंपनियों की भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति बढ़ती आत्मविश्वास को दर्शाता है। सरकार की सहयोगी नीतियों और बुनियादी ढांचा विकास पहलों ने इन सकारात्मक बदलावों में योगदान दिया है। ये विकास आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे, जिससे भविष्य में मजबूत आधार तैयार होगा।