Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jul, 2024 04:21 PM
सरकार के ई-खरीद पोर्टल जीईएम के जरिये 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं व सेवाओं की खरीद 1.24 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है। खरीद की यही गति बने रहने से जीईएम चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ...
नई दिल्लीः सरकार के ई-खरीद पोर्टल जीईएम के जरिये 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं व सेवाओं की खरीद 1.24 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है। खरीद की यही गति बने रहने से जीईएम चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात की।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों तथा विभागों द्वारा वस्तुओं व सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) मंच की शुरुआत नौ अगस्त, 2016 को की गई थी। जीईएम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार सिंह ने कहा, ‘‘जीईएम ने पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के अंत में 1,24,761 लाख करोड़ रुपए का सकल व्यापारिक मूल्य दर्ज किया, जो तिमाही वार पिछले वर्ष के 52,670 करोड़ रुपए की तुलना में 136 प्रतिशत अधिक है।''
उन्होंने कहा कि इस गति से यह दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा। दुनियाभर में इस तरह के मंचों की सूची में दक्षिण कोरिया का केओएनईपीएस शीर्ष पर है। इसके बाद दूसरे नंबर में सिंगापुर का जीईबीआईजेड और फिर जीईएम तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) सहित केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा खरीद एक लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई, जिसमें कोयला, रक्षा तथा पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय इस तिमाही में शीर्ष खरीदार के रूप में उभरे। मंच पर कार्यालय ‘स्टेशनरी' से लेकर वाहनों तक के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। मोटर वाहन, कंप्यूटर और कार्यालय फर्नीचर कुछ प्रमुख उत्पाद श्रेणियां हैं। परिवहन, हेलिकॉप्टर सेवाओं की भर्ती, लॉजिस्टिक्स, अपशिष्ट प्रबंधन, वेबकास्टिंग और विश्लेषणात्मक सहित सेवाएं मंच पर सूचीबद्ध हैं।