Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jun, 2024 11:57 AM
ब्याज दर कटौती में देरी, अमरीका में उम्मीद से अधिक नौकरियां सृजित होने और चीन में सोने की मांग घटने से पिछले तीन दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ भारत में सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। सोना अपने ऑल- टाइम हाई से 6% यानी 3300 रुपए से भी अधिक...
बिजनेस डेस्कः ब्याज दर कटौती में देरी, अमरीका में उम्मीद से अधिक नौकरियां सृजित होने और चीन में सोने की मांग घटने से पिछले तीन दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ भारत में सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। सोना अपने ऑल- टाइम हाई से 6% यानी 3300 रुपए से भी अधिक टूट चुका है और विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का केंद्रीय बैंक अगर जून में भी सोने की खरीदारी नहीं करता है तो इसकी कीमतें और गिर सकती हैं।
पिछले तीन दिन में एमसीएक्स और घरेलू सर्राफा बाजारों में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 2200 रुपए से भी अधिक घटी है। ग्लोबल मार्केट में 22 मई को स्पॉट गोल्ड 2,449.89 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, जो अब 2300 डॉलर के नीचे है। इसी तरह एमसीएक्स पर भाव 74,442 रुपए की रेकॉर्ड ऊंचाई पर था जो अब 71,000 रुपए के नीचे है। हालांकि, मई में ग्लोबल स्तर पर पहली बार गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है। एम्फी के मुताबिक, मई में भारत में भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश 4 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। देश के कुल 17 गोल्ड ईटीएफ में मई के दौरान 827.43 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।
इसलिए घट रही सोने की कीमतें
चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की खरीदारी पर जो ब्रेक लगा है उसका असर कीमतों पर देखा जा रहा है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मई में चीन के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ। जबकि इससे पहले लगातार 18 महीने तक चीन के गोल्ड रिजर्व में इजाफा हुआ था। अप्रेल में चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढकर 2,264 टन पर पहुंच गया। हालांकि, चीन के गोल्ड रिजर्व में यह 18 महीने की सबसे कम बढ़ोतरी थी। अक्टूबर 2022 की तुलना में यह तकरीबन 319 टन यानी 16.5% ज्यादा है। चीन के केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2023 के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 225 टन का इजाफा किया, जिससे गोल्ड की कीमतें आसमान पर पहुंच गई।