Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2024 03:59 PM
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के अनुसार भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अब वैश्विक स्तर पर कोई समस्या नहीं है और विदेशी खरीदार अब इन्हें चीन के बजाय तरजीह दे रहे हैं। फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय वस्तुओं...
नई दिल्लीः भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के अनुसार भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अब वैश्विक स्तर पर कोई समस्या नहीं है और विदेशी खरीदार अब इन्हें चीन के बजाय तरजीह दे रहे हैं। फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय वस्तुओं के निर्यात में 5 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, चमड़ा, कपड़ा और रसायन उद्योग अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। विदेशी खरीदार अब चीन पर निर्भरता घटाकर भारत को आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोत के रूप में प्राथमिकता दे रहे हैं।
बीते वित्त वर्ष 2023-24 में कुल निर्यात 776.68 अरब डॉलर रहा, जिसमें वस्तु निर्यात 3 प्रतिशत घटकर 437.1 अरब डॉलर पर आ गया था। हालांकि, फियो को उम्मीद है कि इस वर्ष निर्यात में सुधार होगा।
फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि बैंक से कर्ज आसानी से नहीं मिल रहा है और शिपिंग लाइन की समस्याएं भी एक बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने घरेलू शिपिंग लाइन की मांग को दोहराते हुए कहा कि इससे भारत 25 अरब डॉलर की बचत कर सकता है और विदेशी शिपिंग कंपनियों की शर्तों पर काम करने की मजबूरी नहीं होगी।
इसके अलावा, कुमार ने ब्याज सामान्यीकरण योजना (IES) को 5 साल के लिए बढ़ाने की भी मांग की है, जिससे निर्यातकों को कम लागत पर कर्ज मिल सके।