Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jan, 2025 05:33 PM
देश की प्रमुख कंपनी L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम करने वाले बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। सुब्रमण्यम ने कहा था कि कर्मचारियों को हर हफ्ते 90 घंटे और रविवार को भी काम करना चाहिए। उनके इस बयान पर कई वर्गों ने कड़ी प्रतिक्रिया...
बिजनेस डेस्कः देश की प्रमुख कंपनी L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम करने वाले बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। सुब्रमण्यम ने कहा था कि कर्मचारियों को हर हफ्ते 90 घंटे और रविवार को भी काम करना चाहिए। उनके इस बयान पर कई वर्गों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
राजीव बजाज का संतुलित दृष्टिकोण
इस मामले में Bajaj Auto के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने एक संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "काम के घंटों से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि काम की गुणवत्ता कैसी है। हमें ज्यादा संवेदनशील और दयालु समाज की जरूरत है। यदि 90 घंटे का चलन शुरू करना है, तो इसे सिस्टम के शीर्ष पर लागू करना चाहिए।" राजीव बजाज के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है।
नारायण मूर्ति ने भी दिया था लंबा काम करने का सुझाव
इससे पहले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने युवाओं से सप्ताह में 70 घंटे काम करने की अपील की थी, जिससे वर्कफोर्स अधिक प्रोडक्टिव बन सके।
भारत में काम के घंटे
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, भारत में लोग औसतन 50.3 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसमें यूएई 50.9 घंटों के साथ पहले स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
क्या वर्क-लाइफ बैलेंस हो रहा प्रभावित?
WHO और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट्स बताती हैं कि लंबे समय तक काम करना स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। 2016 में 1.9 मिलियन मौतें काम से जुड़ी समस्याओं के कारण हुईं। WHO प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि यह व्यवसायों और देशों के लिए चेतावनी है कि वे कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करें।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
L&T चेयरमैन के बयान की जहां आलोचना हो रही है, वहीं राजीव बजाज की प्रगतिशील सोच की सराहना की जा रही है। लंबी बहस के बीच वर्क-लाइफ बैलेंस पर ध्यान केंद्रित करने की मांग तेज हो रही है।