Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Nov, 2024 10:45 AM
अक्टूबर के महंगाई दर के आंकड़ों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दिसंबर में होने वाली बैठक के दौरान नीतिगत रीपो रेट में कटौती की संभावना खत्म कर दी है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर घरेलू वृद्धि दर उल्लेखनीय रूप से...
बिजनेस डेस्कः अक्टूबर के महंगाई दर के आंकड़ों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दिसंबर में होने वाली बैठक के दौरान नीतिगत रीपो रेट में कटौती की संभावना खत्म कर दी है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर घरेलू वृद्धि दर उल्लेखनीय रूप से कम नहीं हो जाती है तो वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए फरवरी में भी दर में कटौती को लेकर अनिश्चितता नजर आ रही है।
मुख्य बिंदु
अक्टूबर की महंगाई दर: अक्टूबर में भारत की महंगाई दर 6.2% तक पहुंच गई, जो सितंबर के 5.49% से अधिक है। यह दर MPC द्वारा तय 6% की सीमा से भी ऊपर है। खाद्य महंगाई दर 10.87% रही, जो समग्र महंगाई दर में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है।
प्रमुख महंगाई दर: मुख्य महंगाई दर (जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं हैं) अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है। हालांकि, अमेरिकी शुल्कों के कारण इस पर भी असर पड़ सकता है।
अर्थशास्त्रियों का मत
- एचडीएफसी बैंक की साक्षी गुप्ता ने कहा, "दिसंबर में दर कटौती संभव नहीं है। फरवरी या अप्रैल में कटौती की संभावना है।"
- बैंक ऑफ अमेरिका के राहुल बाजोरिया ने भी फरवरी में कटौती की संभावना पर जोर दिया, जबकि दिसंबर में इसे संभव नहीं माना।
- येस बैंक के इंद्रनील पान ने कहा कि "फरवरी में दर कटौती की संभावना 50:50 है, जबकि अप्रैल में इसके आसार ज्यादा हैं।"
भविष्य का महंगाई अनुमान: गुप्ता का अनुमान है कि नवंबर में महंगाई दर घटकर 5.5% हो जाएगी और वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक यह 4-4.5% पर आ सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मदन सबनवीस ने भी कहा कि नवंबर से खाद्य महंगाई में गिरावट की संभावना है।
RBI की नीति और भविष्य की योजनाएं
केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 तक घरेलू खुदरा महंगाई स्थाई रूप से 4% रहने की उम्मीद है।
RBI ने वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई दर 4.5% रहने का अनुमान लगाया है।