Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2024 12:24 PM
आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को सख्त चेतावनी दी है कि वे अधिक रिटर्न के पीछे भागने से बचें। उन्होंने कहा कि यदि NBFCs ने अपने कार्यों में सुधार नहीं किया, तो आरबीआई सख्त कदम उठाने से...
बिजनेस डेस्कः आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को सख्त चेतावनी दी है कि वे अधिक रिटर्न के पीछे भागने से बचें। उन्होंने कहा कि यदि NBFCs ने अपने कार्यों में सुधार नहीं किया, तो आरबीआई सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि फ्लोटिंग रेट वाले MSME लोन पर अब प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगेगा।
दास ने कहा कि उच्च लागत NBFCs की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। कुछ NBFCs, माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFIs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां अधिक रिटर्न के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने सभी NBFCs से मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करने का आग्रह किया और लेंडर्स को नियमों और निगरानी में सख्ती बरतने की आवश्यकता पर बल दिया।
गवर्नर ने कहा कि कुछ NBFCs वास्तविक मांग के बजाय रिटेल टारगेट पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस संदर्भ में आरबीआई क्रेडिट कार्ड, MFIs के लोन और अनसिक्योर्ड लोन पर आ रहे आंकड़ों पर बारीकी से नजर रख रहा है। उन्होंने लेंडर्स को सलाह दी कि वे अपने अनसिक्योर्ड लोन के जोखिम का सावधानीपूर्वक आकलन करें, क्योंकि कई लेंडर्स बिना मजबूत अंडरराइटिंग प्रैक्टिस के आक्रामक ग्रोथ की तलाश कर रहे हैं।
गवर्नर ने स्पष्ट किया कि कुछ NBFCs, जिनमें MFIs और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं, इक्विटी पर अत्यधिक रिटर्न की तलाश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई कुछ 'आउटलेयर' NBFCs के साथ बातचीत कर रहा है और एनबीएफसी क्षेत्र में उच्च ऋणग्रस्तता को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि यह उनकी मजबूती के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।