Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Sep, 2024 02:37 PM
सिंगापुर में शुक्रवार को 'फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024' में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर्ज के अभूतपूर्व स्तर को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) और निम्न से मध्यम आय...
बिजनेस डेस्कः सिंगापुर में शुक्रवार को 'फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024' में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर्ज के अभूतपूर्व स्तर को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) और निम्न से मध्यम आय वाले देशों के लिए यह एक बड़ा जोखिम पैदा कर रहा है।
उच्च कर्ज और ब्याज दरें
दास ने बताया कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में उच्च स्तर का कर्ज और उच्च ब्याज दरें वित्तीय अस्थिरता के दुष्चक्र को बढ़ावा दे सकती हैं। उन्होंने चेताया कि यह स्थिति सरकारी और निजी क्षेत्र की बैलेंस शीट पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
राजकोषीय घाटा और चुनावी चक्र
मौजूदा राजकोषीय परिदृश्य को महामारी के पूर्व स्तर से अधिक जटिल बताते हुए दास ने कहा कि 2024 में 88 अर्थव्यवस्थाएं चुनावी चक्र में प्रवेश कर रही हैं। इस स्थिति में राजकोषीय समेकन की गुंजाइश सीमित प्रतीत होती है, जिससे विभिन्न देशों के वित्तीय जोखिम बढ़ सकते हैं।
भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति शृंखला व्यवधान
दास ने कहा कि चल रहे भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति शृंखला व्यवधानों ने निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को बढ़ा दिया है, जिसके कारण सीमा पार व्यापार प्रतिबंध बढ़ गए हैं।
सामूहिक प्रयास और बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB)
आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की वकालत की और सतत आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
एकीकृत भविष्य की दिशा
दास ने राष्ट्रों से साझा वैश्विक मुद्दों को सुलझाने और सभी के लिए एकीकृत भविष्य की दिशा में काम करने का आह्वान किया।