Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2024 04:42 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के ऑर्डर बुक, मौजूदा भंडार और क्षमता उपयोग का तिमाही सर्वेक्षण शुरू करने की शुक्रवार को घोषणा की। मौद्रिक नीति तैयार करने में विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका काफी अहम होती है। रिजर्व...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के ऑर्डर बुक, मौजूदा भंडार और क्षमता उपयोग का तिमाही सर्वेक्षण शुरू करने की शुक्रवार को घोषणा की। मौद्रिक नीति तैयार करने में विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका काफी अहम होती है। रिजर्व बैंक वर्ष 2008 से ही तिमाही आधार पर विनिर्माण क्षेत्र के ऑर्डर बुक, भंडार में मौजूद माल और क्षमता के इस्तेमाल संबंधी (ओबिकस) सर्वेक्षण संचालित करता रहा है।
इस सर्वेक्षण में एकत्र की गई जानकारी में संदर्भ तिमाही (अप्रैल-जून 2024) के दौरान कंपनियों को मिले नए ऑर्डर, तिमाही की शुरुआत में ऑर्डर की स्थिति, तिमाही के अंत में लंबित ऑर्डर, तिमाही के अंत में तैयार माल, कार्य-प्रगति और कच्चे माल के स्टॉक समेत कुल भंडार शामिल हैं। तिमाही के दौरान मात्रा और मूल्य के संदर्भ में मदवार उत्पादन, लक्षित समूह से स्थापित क्षमता और तिमाही के दौरान उत्पादन/स्थापित क्षमता में परिवर्तन के कारणों को भी एकत्र किया जाता है।
प्रतिक्रियाओं से क्षमता उपयोग के स्तर का अनुमान लगाया जाता है। आरबीआई ने कहा, "सर्वेक्षण मौद्रिक नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।" इसने यह भी कहा कि कंपनी स्तर के डेटा को गोपनीय माना जाता है और कभी भी इसका खुलासा नहीं किया जाता है।