Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Aug, 2024 10:27 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। इसके साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।
रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है।
जून में रिटेल महंगाई
जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह महंगाई का 4 महीने का हाई लेवल था। अप्रैल में महंगाई 4.85 फीसदी रही थी। वहीं मई में महंगाई 4.75 फीसदी रही थी। NSO ने 12 जुलाई को ये आंकड़े जारी किए थे। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2 फीसदी से 6 फीसदी है।
फरवरी 2023 से नहीं हुआ रेपो रेट में बदलाव
फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बना हुआ है। 2024-25 की दूसरी बैठक चुनावी नतीजे आने के बाद जून में हुई थी, उस समय भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। इस बार ये बैठक बजट के बाद हो रही है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि शायद आरबीआई इस बार ब्याज दरों को घटा सकता है। बता दें कि रेपो रेट वही है, जिसके आधार पर आपका बैंक लोन (Bank Loan) की ब्याज दर तय करता है। ऐसे में अगर इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ, तो लोन की ईएमआई भी कम नहीं होगी।