रिजर्व बैंक को महंगाई से हटकर अब वृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान देने की जरूरत: एमपीसी सदस्य

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2024 03:57 PM

rbi needs to focus on promoting growth instead of inflation mpc member

खुदरा मुद्रास्फीति के भारतीय रिजर्व बैंक के निर्धारित लक्ष्य चार प्रतिशत के करीब पहुंचने के साथ मौद्रिक नीति को वृद्धि पर ध्यान देने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने सोमवार को यह बात

नई दिल्लीः खुदरा मुद्रास्फीति के भारतीय रिजर्व बैंक के निर्धारित लक्ष्य चार प्रतिशत के करीब पहुंचने के साथ मौद्रिक नीति को वृद्धि पर ध्यान देने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने सोमवार को यह बात कही। वर्मा ने कहा कि 2024-25 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्पीति लक्ष्य से केवल 0.5 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है, और प्रमुख मुद्रास्फीति भी काबू में है।

उन्होंने बताया, ‘‘असहनीय रूप से उच्च मुद्रास्फीति की लंबी अवधि खत्म हो रही है... अगली कुछ तिमाहियों में, हम महंगाई में और अधिक कमी देखेंगे और मुद्रास्फीति धीमे-धीमे चार प्रतिशत के लक्ष्य पर आ जाएगी।'' भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम, अहमदाबाद) के प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में वृद्धि की कीमत चुकानी पड़ी है। 

उन्होंने कहा कि 2023-24 में आर्थिक वृद्धि 8.2 प्रतिशत थी, जबकि 2024-25 में इसके करीब 0.75 प्रतिशत से एक प्रतिशत तक कम रहने का अनुमान है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि भारत में आठ प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने की क्षमता है। इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। 

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