Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 May, 2024 01:56 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को क्रियान्वित हो रही परियोजनाओं को ऋण देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय बैंक के मसौदा नियमों में परियोजनाओं के चरण के हिसाब से उनका वर्गीकरण करने और निर्माण चरण के दौरान पांच...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को क्रियान्वित हो रही परियोजनाओं को ऋण देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय बैंक के मसौदा नियमों में परियोजनाओं के चरण के हिसाब से उनका वर्गीकरण करने और निर्माण चरण के दौरान पांच प्रतिशत तक का उच्च प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा है। पिछले ऋण चक्र में परियोजना ऋणों की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था। मानक परिसंपत्ति प्रावधान 0.40 प्रतिशत है।
प्रस्तावित मानदंडों के तहत एक बैंक को निर्माण चरण के दौरान कर्ज का पांच प्रतिशत अलग रखना होगा। हालांकि यह अनुपात परियोजना के चालू होने के साथ कम हो जाता है। इन मानकों को लाने की घोषणा आरबीआई ने पहली बार सितंबर, 2023 में की थी। प्रस्तावों पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है। प्रस्ताविक मानकों के मुताबिक, परियोजना के 'परिचालन चरण' में पहुंच जाने पर वित्तीय प्रावधानों को वित्त-पोषित बकाया के 2.5 प्रतिशत तक लाया जा सकता है और फिर कुछ शर्तों को पूरा करने पर इसे एक प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ये दिशानिर्देश कर्ज तनाव के समाधान से संबंधित ब्योरा देने के साथ खातों को अद्यतन करने के मानदंड निर्दिष्ट करते हैं और मान्यता का आह्वान करते हैं। वित्तीय संस्थान परियोजना वित्त ऋण के मापदंडों में किसी भी बदलाव को 15 दिनों के भीतर अद्यतन करेंगे। इस संबंध में आवश्यक प्रणाली इन निर्देशों के जारी होने के तीन महीने के भीतर स्थापित की जाएगी।