Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Apr, 2025 04:16 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025 के अंत में सबसे बड़ा ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) करने का फैसला लिया है। केंद्रीय बैंक 80,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities) खरीदेगा। यह खरीदारी चार चरणों में होगी – 3 अप्रैल, 8...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025 के अंत में सबसे बड़ा ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) करने का फैसला लिया है। केंद्रीय बैंक 80,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities) खरीदेगा। यह खरीदारी चार चरणों में होगी – 3 अप्रैल, 8 अप्रैल, 22 अप्रैल और 29 अप्रैल को, हर बार 20,000 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे जाएंगे।
मार्च में भी RBI ने डाली थी 1 लाख करोड़ की नकदी
यह फैसला RBI की निरंतर लिक्विडिटी सुधारने की रणनीति का हिस्सा है। मार्च में भी केंद्रीय बैंक ने दो किश्तों में 50,000-50,000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी मार्केट में डाली थी। RBI ने कहा है कि वह बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखेगा और जरूरत पड़ने पर आगे भी हस्तक्षेप करेगा।
बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी सुधरी
मार्च 2025 के अंत तक भारतीय बैंकिंग सिस्टम में 89,400 करोड़ रुपए का सरप्लस दर्ज किया गया, जबकि जनवरी में यह 3.3 लाख करोड़ रुपए के घाटे में था। इससे संकेत मिलता है कि RBI के हस्तक्षेप से लिक्विडिटी में सुधार हुआ है।
RBI के इस फैसले की जरूरत क्यों?
- इकोनॉमिक रिकवरी अभी पूरी तरह मजबूत नहीं हुई है।
- महंगाई और औद्योगिक विकास धीमा पड़ सकता है।
- वैश्विक आर्थिक मंदी और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है।
- बाजार में स्थिरता लाने के लिए यह कदम जरूरी है।
RBI के 90 साल पूरे
भारतीय रिजर्व बैंक के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अगला दशक भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय ढांचे को नया स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, "RBI पिछले 90 सालों से मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता का संरक्षक रहा है। भविष्य में भी हम देश की प्रगति और लोगों के कल्याण के लिए समर्पित रहेंगे।"