Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Dec, 2024 10:41 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4-6 दिसंबर 2024 को आयोजित होगी और इसके फैसले की घोषणा 6 दिसंबर को गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में भी रेपो दर को वर्तमान स्तर यानी 6.5% पर बनाए रखा...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4-6 दिसंबर 2024 को आयोजित होगी और इसके फैसले की घोषणा 6 दिसंबर को गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में भी रेपो दर को वर्तमान स्तर यानी 6.5% पर बनाए रखा जाएगा।
महंगाई का दबाव
अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 6% के ऊपर बनी रही, जो आरबीआई की सहनीय सीमा से अधिक है। इसके चलते दरों में कटौती की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही।
GDP वृद्धि
दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से कमजोर रही। इस कारण आरबीआई के लिए विकास और महंगाई के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि फरवरी 2025 तक महंगाई में नरमी के संकेत मिलने पर आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है।
- बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और महंगाई के प्रभाव को देखते हुए रेपो दर में फिलहाल कोई बदलाव संभव नहीं है।
- इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, एमपीसी दिसंबर बैठक में जीडीपी वृद्धि के अनुमानों में कटौती कर सकती है।
बाजार की धारणा
इस समय बाजार और उद्योग जगत इस पर नजर बनाए हुए हैं कि आरबीआई अगले वर्ष तक महंगाई और वृद्धि के संतुलन को कैसे साधेगा। फरवरी 2025 में दरों में कटौती की उम्मीदें जताई जा रही हैं।