रियल एस्टेट में तेजी लाने को नीतिगत दर में कटौती करे आरबीआई: बिल्डर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jun, 2024 02:53 PM

rbi should cut policy rates to boost real estate builder

जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को मकानों पर कर्ज सस्ता करने और आवास की मांग बढ़ाने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती करने की जरूरत है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष...

नई दिल्लीः जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को मकानों पर कर्ज सस्ता करने और आवास की मांग बढ़ाने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती करने की जरूरत है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा। 

रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दे रहा है। यह विशेष रूप से लक्जरी और किफायती आवास बनाने वालों के लिए उत्साहजनक है। यह स्थिरता रियल एस्टेट बाजार को सहारा देती है, जिससे आवास किफायती बनते हैं और मकान खरीदारों का विश्वास बढ़ता है।'' उन्होंने केंद्रीय बैंक से अगली बैठक में दरों में कटौती का भी आग्रह किया। जी हरि बाबूब ने कहा, ‘‘हम आरबीआई से आग्रह करते हैं कि वह अपनी आगामी समीक्षा बैठक में हमारी अपील पर विचार करें। कम ब्याज दर बेहतर नकदी के साथ डेवलपर और मकान खरीदारों को समान रूप से प्रोत्साहित करती है, जिससे रियल एस्टेट बाजार के साथ इससे जुड़े सभी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।'' 

क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि देश ने पिछले वित्त वर्ष में रियल एस्टेट सहित सभी क्षेत्रों के योगदान से उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘ अन्य स्वस्थ वृहद आर्थिक संकेतकों के साथ सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के पिछले अप्रैल में 11 महीने के निम्नतम स्तर 4.83 प्रतिशत पर रहने से...आरबीआई के पास उद्योगों में इस समग्र आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए एक सतत और मजबूत मंच प्रदान करने का एक अच्छा अवसर है।'' ईरानी ने कहा कि अगली मौद्रिक नीति में आरबीआई को ‘‘ फरवरी 2023 के बाद पहली बार रेपो दर में कटौती करने पर गौर करना चाहिए। इससे उपभोक्ता खर्च को और भी अधिक बढ़ावा मिलेगा।'' 

सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘प्रमुख नीतिगत दर पर आरबीआई की यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक है। मुख्य मुद्रास्फीति में नरमी, वित्तीय क्षेत्र में संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और मजबूत आय वृद्धि सकारात्मक आर्थिक गति के संकेत हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आगामी त्योहारों के दौरान रियल एस्टेट और एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों) से लेकर मोटर वाहन आदि सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में मकान खरीदने वाले लोग रेपो-रेट के यथावत रहने के साथ किसी भी डेवलपर प्रोत्साहन का लाभ उठाते हुए अपने फैसले को अंतिम रूप देंगे।'' 

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘आरबीआई ने नीतिगत दर को लगातार आठवीं बार यथावत रखा है। निर्णय संभवतः खुदरा मुद्रास्फीति के लक्षित सीमा में होने के बावजूद खाद्य मंहगाई की दर अपेक्षाकृत ऊंची होने के कारण लिया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में मजबूत जीडीपी वृद्धि का भी असर इस निर्णय पर दिखता है।'' उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘ब्याज दरें कम होने पर रियल एस्टेट क्षेत्र को और भी फायदा मिलेगा।'' क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष व गौड़ ग्रुप के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘ रेपो दर में मामूली कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर का उत्साह और बढ़ सकता था, लेकिन हम आरबीआई के ब्याज दर को नहीं बदलने के निर्णय का स्वागत करते हैं।'' 

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘आज की नीति घोषणा हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है...।'' उन्होंने कहा, ‘‘ अपेक्षित सामान्य से अधिक मानसून से खाद्य कीमतों को नियंत्रित करने और खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में लाने में मदद मिलेगी। यह आरबीआई को शायद 2024 के अंत में नीतिगत दर में कटौती करने के लिए प्रेरित करे जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा...।'' 

क्रिशुमी कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा, ‘‘मकानों की मांग मजबूत बनी हुई है, खासकर महंगे आवास क्षेत्र में...। नीतिगत दर का यथावत रखने से यह मजबूती बनी रहेगी। हालांकि दर में कटौती से रियल एस्टेट क्षेत्र में और भी तेजी आने की उम्मीद है। भविष्य में दर में किसी भी कटौती से मध्यम और प्रीमियम हाउसिंग खंड को सबसे अधिक फायदा होगा।'' 

लोहिया ग्लोबल के निदेशक पीयूष लोहिया ने कहा, ‘‘हाल के सत्रों में रेपो दर ने लगातार रियल एस्टेट बाजार में वृद्धि के लिए एक स्थिर आधार प्रदान किया है। आरबीआई द्वारा आगे नीतिगत दर में कटौती क्षेत्र को गति देने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे खरीदार का विश्वास बढ़ेगा तथा आवास ऋण अधिक किफायती बनेंगे।'' अनंत राज लिमिटेड के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमन सरीन ने कहा, ‘‘ हम नीतिगत दर को यथावत रखने के आरबीआई के कदम का स्वागत करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘.....इससे नकदी और उधार की लागत स्थिर स्तर पर रहेगी और लागत को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। उधार की स्थिर लागत और मूल्य स्थिरता के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र को लाभ होगा...।'' 

भारतीय अर्बन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (आवासीय) अश्विन्दर आर. सिंह ने कहा, ‘‘ रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय रणनीतिक रूप से सही कदम है, जो रियल एस्टेट बाजार में स्थिरता और विश्वास को मजबूत करता है।'' ट्रेवॉक के प्रबंध निदेशक गुरपाल सिंह चावला ने कहा, ‘‘यह निर्णय न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दर को स्थिर करता है, बल्कि सरकार पर जनता का विश्वास भी मजबूत करता है। यह एक सकारात्मक कदम है और हमें आशा है कि रियल एस्टेट क्षेत्र तेजी से बढ़ता रहेगा। इस उपाय से कंपनियों और खरीदार दोनों को लाभ होगा।'' काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा कि यह कदम इस क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक कंपनियों और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है।  

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