Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Apr, 2025 06:21 PM
शुल्क युद्ध के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक तेजी से बदल रही वैश्विक परिस्थितियों पर लगातार नजर रखेगा और अपनी नीतिगत कार्रवाई में 'सक्रिय और तत्पर' बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और...
नई दिल्लीः शुल्क युद्ध के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक तेजी से बदल रही वैश्विक परिस्थितियों पर लगातार नजर रखेगा और अपनी नीतिगत कार्रवाई में 'सक्रिय और तत्पर' बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों ने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। साथ ही मल्होत्रा ने आगाह किया कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजार ''अस्थिर वैश्विक वातावरण की अनिश्चितताओं से अछूते नहीं हैं।'' उन्होंने शुक्रवार को बाली में 24वें एफआईएमएमडीए-पीडीएआई वार्षिक सम्मेलन में कहा, ''तेजी से बदल रही वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए हम लगातार आर्थिक परिदृश्य की निगरानी और आकलन कर रहे हैं। हम हमेशा की तरह नीतिगत मोर्चे पर अपनी कार्रवाई में सक्रिय और तत्पर रहेंगे।''
उन्होंने कहा कि वृद्धि-मुद्रास्फीति संतुलन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और मुद्रास्फीति भी सहनशील दायरे के भीतर है। गवर्नर ने कहा कि इसके बावजूद वैश्विक अनिश्चितताएं और मौसम की गड़बड़ी मुद्रास्फीति के लिहाज से जोखिम पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा, ''भले ही हमने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है लेकिन भारत अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। फिर भी यह हमारी उम्मीद से काफी कम है। हमने दो बार रेपो दरों में कटौती की है और पर्याप्त नकदी दी है।'' भारतीय वित्तीय बाजारों के बारे में गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार, सरकारी प्रतिभूतियां और मुद्रा बाजार सहित सभी बाजार खंड काफी हद तक स्थिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले रुपया थोड़ा दबाव में आया था, लेकिन उसके बाद इसका प्रदर्शन बेहतर रहा और इसने कुछ हद तक खोई हुई जमीन वापस पा ली।