Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Oct, 2024 01:09 PM
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारतीय रियल एस्टेट (Indian Real Estate) क्षेत्र में संस्थागत निवेश 45% बढ़कर लगभग 1.15 अरब डॉलर हो गया है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया (colliers india) द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, निवेशक प्रीमियम...
बिजनेस डेस्कः जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारतीय रियल एस्टेट (Indian Real Estate) क्षेत्र में संस्थागत निवेश 45% बढ़कर लगभग 1.15 अरब डॉलर हो गया है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया (colliers india) द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, निवेशक प्रीमियम घरों और कार्यालयों की मजबूत मांग का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर के दौरान रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 114.87 करोड़ डॉलर रहा, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 79.34 करोड़ डॉलर था। कंपनी ने बताया कि कुल रियल एस्टेट बाजार में विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में से कार्यालय खंड ने इस साल की तीसरी तिमाही में 61.63 करोड़ डॉलर का कारोबार आकर्षित किया, जो कि एक साल पहले की समान तिमाही के 7.91 करोड़ डॉलर से सात गुना अधिक है।
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कोविड महामारी के बाद आवासीय क्षेत्र में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें निवेश में 40% की वृद्धि हुई है। यह राशि 27.46 करोड़ डॉलर से बढ़कर 38.48 करोड़ डॉलर हो गई।
हालांकि, औद्योगिक और भंडारण क्षेत्र में कोष प्रवाह में 72% की गिरावट देखी गई, जो पिछले साल की सितंबर तिमाही के 34.03 करोड़ डॉलर से घटकर इस साल की समान तिमाही में 9.52 करोड़ डॉलर रह गया। मिश्रित उपयोग परियोजनाओं में निवेश 2.72 करोड़ डॉलर से लगभग दोगुना होकर 5.24 करोड़ डॉलर हो गया।
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वैकल्पिक परिसंपत्तियों को जुलाई-सितंबर तिमाही में कोई वित्त पोषण नहीं मिला, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 7.22 करोड़ डॉलर प्राप्त हुआ था। इस श्रेणी में डेटा सेंटर, जीवन विज्ञान, अवकाश गृह, छात्रावास और स्कूल शामिल हैं। कुल मिलाकर घरेलू निवेश 50 करोड़ डॉलर पर मजबूत रहा, जो जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान कुल प्रवाह का 44% है।
कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवा) पियूष गुप्ता ने कहा, "भारतीय रियल्टी में संस्थागत प्रवाह निरंतर बना हुआ है, जो निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। निवेशक वैश्विक और घरेलू पूंजी के बीच अच्छी तरह से विविधतापूर्ण हैं। जबकि कार्यालय परिसंपत्तियों पर मुख्य ध्यान दिया गया है, औद्योगिक, भंडारण और आवासीय क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण गति प्राप्त हो रही है।"