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Gold ETF: दाम बढ़ने के साथ सोने में हुआ रिकॉर्ड निवेश, एक साल में दिया 35% तक का रिटर्न

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Feb, 2025 12:07 PM

record investment gold 35 return in one year

सोने के दाम बढ़ने के साथ इसमें निवेश भी बढ़ा है। जनवरी 2025 में भारत में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) में 40 करोड़ डॉलर (करीब 2,950 करोड़ रुपए) का रिकॉर्ड निवेश हुआ। यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है, जो इससे पहले अक्टूबर 2024 में दर्ज 1,962...

बिजनेस डेस्कः सोने के दाम बढ़ने के साथ इसमें निवेश भी बढ़ा है। जनवरी 2025 में भारत में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) में 40 करोड़ डॉलर (करीब 2,950 करोड़ रुपए) का रिकॉर्ड निवेश हुआ। यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है, जो इससे पहले अक्टूबर 2024 में दर्ज 1,962 करोड़ रुपए के निवेश को भी पार कर गया। अगर आप भी सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो गोल्ड ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। बीते एक साल में इसने 35% तक का रिटर्न दिया है।  

सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर बेस्ड होते हैं ETF 

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर बेस्ड होते हैं। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। गोल्ड ETFs की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि, इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।

गोल्ड ETF में निवेश करने के 5 फायदे

कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना

गोल्ड ETF में निवेश करने पर आप एक ग्राम के यूनिट्स में सोना खरीद सकते हैं, जिससे SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए नियमित रूप से निवेश करना आसान हो जाता है। इसके विपरीत, भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव से बेचा जाता है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो सकता है।

शुद्धता की गारंटी मिलती है

गोल्ड ETF की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मानकों का अनुसरण करता है, जिससे 99.5% शुद्धता की गारंटी मिलती है। वहीं, फिजिकल गोल्ड के दाम विक्रेता/ज्वेलर के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।

ज्वेलरी मेकिंग चार्ज का झंझट नहीं

गोल्ड ETF में केवल 1% या उससे कम ब्रोकरेज चार्ज और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के लिए सालाना 1% शुल्क देना होता है। यह ज्वेलरी या सिक्के खरीदने पर लगने वाले 8-30% तक के मेकिंग चार्जेस की तुलना में काफी किफायती है।

सुरक्षित निवेश, चोरी का डर नहीं

गोल्ड ETF डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहता है, जिससे चोरी का कोई खतरा नहीं होता। वहीं, फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर चार्ज और अन्य सुरक्षा खर्च करने पड़ते हैं।

व्यापार में आसानी और लोन सुविधा

गोल्ड ETF को तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे लिक्विडिटी बनी रहती है। इसके अलावा, इसे लोन लेने के लिए सिक्योरिटी (गिरवी) के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुविधाजनक है। 

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