Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Dec, 2024 05:42 PM
साल 2024 भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। खासतौर पर देश की प्रमुख कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बीच मार्केट कैप की प्रतिस्पर्धा ने निवेशकों की निगाहें अपनी ओर खींची।
बिजनेस डेस्कः साल 2024 भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। खासतौर पर देश की प्रमुख कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बीच मार्केट कैप की प्रतिस्पर्धा ने निवेशकों की निगाहें अपनी ओर खींची।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की मौजूदा स्थिति
रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो लंबे समय से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रही है, इस साल मुश्किलों का सामना कर रही है। कंपनी के शेयरों में पिछले एक साल में 5.59% की गिरावट आई है, जिससे इसका मार्केट कैप 16.45 लाख करोड़ रुपए तक सिमट गया है। 2024 में कंपनी का रिटर्न नेगेटिव रहने की उम्मीद है। पिछले एक महीने में ही इसके शेयरों में 6% की गिरावट दर्ज की गई। यह लगातार नुकसान कंपनी के लिए चिंता का विषय है।
टीसीएस की तेजी
दूसरी ओर टीसीएस ने निवेशकों को सकारात्मक रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में 9.87% की तेजी आई है, जिससे इसका मार्केट कैप 15.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हालांकि, पिछले महीने में टीसीएस के शेयरों में 4.20% की गिरावट देखी गई लेकिन कंपनी की समग्र स्थिति मजबूत बनी हुई है।
कितना बचा है अंतर?
रिलायंस और टीसीएस के मार्केट कैप के बीच का अंतर अब केवल 1.37 लाख करोड़ रुपए रह गया है। यह अंतर तेजी से घट रहा है और अगर रिलायंस के प्रदर्शन में सुधार नहीं होता, तो 2025 तक यह खिताब टीसीएस के नाम हो सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मोड़
टीसीएस के बढ़ते डिजिटल व्यापार और स्थिरता ने इसे रिलायंस के मुकाबले एक मजबूत दावेदार बना दिया है। वहीं, रिलायंस को अपनी मौजूदा स्थिति सुधारने के लिए नई रणनीतियों और निवेश की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कंपनी “देश की सबसे मूल्यवान कंपनी” का खिताब खो सकती है।
रिलायंस और टीसीएस के बीच का यह मुकाबला भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में कौन सी कंपनी निवेशकों का भरोसा जीत पाती है और शीर्ष स्थान पर बनी रहती है।