Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jul, 2024 05:23 PM
रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो 2025 में संभावित रूप से 112 बिलियन डॉलर (112 अरब डॉलर) की वैल्यूएशन के साथ लिस्ट हो सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने 10 जुलाई को एक रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) सही...
नई दिल्लीः रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो 2025 में संभावित रूप से 112 बिलियन डॉलर (112 अरब डॉलर) की वैल्यूएशन के साथ लिस्ट हो सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने 10 जुलाई को एक रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) सही वैल्यूएशन मिलने के बाद जियो प्लेटफॉर्म्स को अलग कर लिस्टिंग करा सकती है।
जेफरीज ने कहा, ‘यह मानते हुए कि जियो रिलायंस इंडस्ट्रीज के ‘स्टेबल’ आउटलुक से अलग हो जाता है, हमारे लिए RIL स्टॉक का उचित मूल्य 3,580 रुपए होगा। अगर IPO आता है तो बेस केस में (20 प्रतिशत होल्डिंग कंपनी डिस्काउंट के लिए एडजस्टेड) RIL का उचित मूल्य 3,365 रुपए तक गिर जाएगा।’ अलग करने के मामले में, जेफरीज का टारगेट प्राइस उनके बेस केस में 14 फीसदी की बढ़ोतरी का संकेत देता है। उनके बुल केस में, RIL का स्टॉक प्राइस 3,700 रुपए रहेगा, जो 18 फीसदी की बढ़ोतरी का संकेत देता है।
ऑपरेशन के नजरिये से, Jio पहले टेलीकॉम कंपनी थी, जिसने हाल में टैरिफ में बढ़ोतरी का ऐलान किया। हालांकि, उन्होंने फीचर फोन टैरिफ को बरकरार रखा। एनालिस्ट्स ने कहा कि इससे जियो का मोनेटाइजेशन और सब्सक्राइबर मार्केट में ज्यादा हिस्सेदारी पर फोकस दिखा। जेफरीज ने कहा, ‘ये कदम हमारे विचार में कैलेंडर ईयर 25 (CY25) में संभावित पब्लिक लिस्टिंग का मामला बनाते हैं। RIL जियो को IPO या अलग करने पर विचार कर सकता है, जैसा कि उसने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) के साथ किया था।’
अगर Jio प्लेटफॉर्म्स का RIL से अलगाव होता है तो
जेफरीज के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरहोल्डर्स को जियो में उनकी प्रपोर्सनल शेयरहोल्डिंग मिलेगी जो RIL के 66.3 फीसदी हिस्सेदारी के लिए एडजस्ट होगी। इससे होल्डको डिस्काउंट से बचा जा सकेगा और RIL शेयरहोल्डर्स को बेहतर वैल्यू पाने में मदद मिलेगी। लिस्टिंग के बाद कंपनी के ओनर की Jio में हिस्सेदारी 33.3 प्रतिशत पर आ जाएगी।
Jefferies ने कहा, ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) के स्टॉक का मजबूत प्रदर्शन, साथ ही JFS में ओनर्स की 50 फीसदी से कम हिस्सेदारी के साथ, ओनर्स को जियो के लिए अलग करने का रास्ता अपनाने की संभावना अधिक हो सकती है।’
Jio के लिए IPO का रास्ता
अगर अलगाव नहीं होता और Jio के IPO लाने का विकल्प चुना जाता है यानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी जियो प्लेटफॉर्म को IPO के जरिये लिस्ट करने का फैसला लेते हैं, तो सेबी के नियमों के मुताबिक, RIL को Jio के सिर्फ 10 फीसदी शेयरों में हिस्सेदारी का मौका मिलेगा।
जेफरीज ने कहा, ‘Jio में 33.7 फीसदी अल्पांश हिस्सेदारी (minority shareholding) के साथ, RIL IPO की जरूरतों को पूरा करने के लिए Jio का 10 फीसदी लिस्ट कर सकता है। जबकि लिस्टिंग के बाद RIL प्रमुख नियंत्रण बनाए रखेगा, हमारी एनालिसिस बताती है कि भारतीय शेयर बाजार होल्डको के उचित मूल्य पर पहुंचने के लिए लिस्टेड सब्सिडियरी कंपनी को 20-50 फीसदी की होल्डको डिस्काउंट देता है।’
इससे यह उम्मीद की जाती है कि पूरे IPO की फंडिंग कम शेयरहोल्डर्स द्वारा OFS (ऑफर फॉर सेल) के जरिये जुटाई जाएगी। शेयर बाजार में, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने 8 जुलाई, 2024 को प्रति शेयर 3,217.9 रुपए का आल टाइम हाई लेवल छू लिया। RIL शेयर मूल्य पिछले एक महीने में 8.7 प्रतिशत बढ़ा है, और इस वर्ष अब तक 22.5 प्रतिशत ऊपर है। तुलना में, बेंचमार्क ने साल-दर-साल लगभग 11 प्रतिशत जोड़ा है।
घरेलू और विदेशी दोनों निवेशक, आम तौर पर भारत में अलगाव पसंद करते हैं क्योंकि भारत में होल्डको डिस्काउंट 20-50 फीसदी है, लेकिन कोरिया और ताइवान में ग्रुप के लिए अधिक (50-70 फीसदी) है।
Jefferies ने कहा, IPO के मामले में बड़े पैमाने पर रिटेल इन्वेस्टर्स का जुटना एक और चिंता का विषय है। इसमें कहा गया है, ‘जियो में कम नियंत्रण हिस्सेदारी को अलग करने के बाद प्राइवेट इक्विटी फंडों द्वारा ऑफर किए गए शेयरों का एक हिस्सा खरीदकर पूरा किया जा सकता है।”