Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jul, 2024 06:11 PM
देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सदी के अपने चौथे मौद्रीकरण दौर में बाजार पूंजीकरण में 100 अरब डॉलर तक की बढ़ोतरी कर सकती है। मॉर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। तेल से लेकर दूरसंचार तक के कारोबार में सक्रिय रिलायंस...
नई दिल्लीः देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सदी के अपने चौथे मौद्रीकरण दौर में बाजार पूंजीकरण में 100 अरब डॉलर तक की बढ़ोतरी कर सकती है। मॉर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। तेल से लेकर दूरसंचार तक के कारोबार में सक्रिय रिलायंस इंडस्ट्रीज के पिछले तीन दशकों में चलाए गए मौद्रीकरण चक्रों में शेयरधारकों को दो-तीन गुना मूल्य मिला है। इस दौरान हरेक दशक में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 60 अरब डॉलर से अधिक बढ़ा है। आरआईएल इस सदी के अपने चौथे मौद्रीकरण दौर में है।
ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने कहा, "मौद्रीकरण 4.0 अलग है, इसे कारोबार में तेजी, घरेलू मांग और कम प्रतिस्पर्धा से समर्थन मिल रहा है। वर्ष 1997 के बाद से आरआईएल के चौथे मौद्रीकरण दौर में बाजार पूंजीकरण में 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक की वृद्धि होनी चाहिए।" रिपोर्ट के मुताबिक, पूंजीकरण में वृद्धि होने की मुख्य वजह रिलायंस की बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि, पूर्ण एकीकरण और कंपनी व्यवसाय को नया स्वरूप देने पर हर बार निवेशकों की अपेक्षाओं से अधिक प्रदर्शन करने की इसकी क्षमता रही है। यह मौद्रीकरण 2021-23 में 60 अरब डॉलर के निवेश के बाद हुआ है, जो आरआईएल के लिए 1990 के दशक के बाद सबसे छोटा निवेश चक्र था।
मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि रिलांयस इंडस्ट्रीज की आय वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर 2025-26 के दौरान 12 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ेगी, जिसमें सभी क्षेत्रों से आय में तेजी आएगी। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, "रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले एक दशक से खुद को साबित करने की कहानी रही है। नई ऊर्जा, उच्च दूरसंचार शुल्क, रासायनिक कारोबार के मार्जिन जैसे नए राजस्व धाराओं को वितरित किए जाने के बाद इसने महत्वपूर्ण बाजार पूंजीकरण परिवर्तन देखा है।"