Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Nov, 2024 04:43 PM
आम आदमी को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। सरकार ने आम जनता को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए रियायती दर पर ‘भारत’ ब्रांड (Bharat Brand) के तहत गेहूं के आटे (Bharat Wheat) और चावल (Bharat Rice) की खुदरा बिक्री के दूसरे चरण की...
बिजनेस डेस्कः आम आदमी को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। सरकार ने आम जनता को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए रियायती दर पर ‘भारत’ ब्रांड (Bharat Brand) के तहत गेहूं के आटे (Bharat Wheat) और चावल (Bharat Rice) की खुदरा बिक्री के दूसरे चरण की शुरुआत की। सहकारी समितियों भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और केन्द्रीय भंडार (Kendriya Bhandar) और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये गेहूं का आटा 30 रुपए प्रति किलोग्राम और चावल 34 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 5 और 10 किलोग्राम के पैकेट में बेचा जाएगा।
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इन सहकारी समितियों की ‘मोबाइल वैन’ को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, यह उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए एक अस्थायी हस्तक्षेप है। सरकार ने प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड के तहत दूसरे चरण में खुदरा हस्तक्षेप के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) से 3.69 लाख टन गेहूं और 2.91 लाख टन चावल आवंटित किया है।
जोशी ने कहा, यह तब तक जारी रहेगा जब तक आवंटित भंडार समाप्त नहीं हो जाता। अगर और अधिक की जरूरत होगी तो हमारे पास पर्याप्त भंडार है और हम पुनः आवंटन करेंगे। नए मूल्य निर्धारण ढांचे के तहत गेहूं का आटा 5 और 10 किलोग्राम के पैक में 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा, जबकि चावल 34 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा।
पहले चरण की दरों क्रमशः 27.5 रुपए तथा 29 रुपए प्रति किलोग्राम से इसमें मामूली बढ़ोतरी की गई है। पहले चरण में चावल की कम बिक्री पर जोशी ने कहा कि सरकार का मकसद कारोबार करना नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और बाजार में कीमतों को नियंत्रित करना है। मंत्री ने कहा कि अगर मांग की गई तो सरकार छोटे आकार के पैकट लाने पर विचार करेगी।
जोशी ने चावल के अधिशेष भंडार के बावजूद कीमतों में स्थिरता को समझने के लिए एक अध्ययन का आह्वान किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि कीमतें काफी हद तक नियंत्रण में हैं, केवल सामान्य गुणवत्ता वाली किस्मों में मामूली उतार-चढ़ाव है। पहले चरण में अक्टूबर, 2023 से 30 जून, 2024 तक 15.20 लाख टन गेहूं का आटा और 14.58 लाख टन चावल का वितरण किया गया था। जोशी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर निरंतर हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर खाद्य राज्यमंत्री बी.एल. वर्मा और खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा भी उपस्थित रहे।