Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jul, 2024 11:10 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) में मई 2024 में बीते साल की इस अवधि की तुलना में करीब 16 प्रतिशत की दौरान गिरावट आई। केंद्र सरकार ने विदेश भेजे जाने वाले धन पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) बढ़ा दिया था। इससे आधार...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) में मई 2024 में बीते साल की इस अवधि की तुलना में करीब 16 प्रतिशत की दौरान गिरावट आई। केंद्र सरकार ने विदेश भेजे जाने वाले धन पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) बढ़ा दिया था। इससे आधार प्रभाव प्रभावित हुआ था। वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में शिक्षा और इलाज के अलावा विदेश भेजे जाने वाले सभी तरह के धन सात लाख रुपए से अधिक होने की स्थिति में टीसीएस पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया था। यह संशोधन 1 जुलाई 2023 से प्रभावी था।
बजट के इस प्रस्ताव के कारण मई 2023 में सालाना आधार से 41 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। इस क्रम में मई 2023 में 2.88 अरब डॉलर विदेश भेजा गया था। हालांकि इसके बाद वित्त मंत्रालय ने 1 अक्टूबर, 2023 तक लंबित कर दिया था।
आरबीआई के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार इस योजना में मई 2024 में 2.42 अरब डॉलर विदेश भेजा गया और यह बीते साल की तुलना में 16.18 प्रतिशत कम था। इस माह के दौरान विदेश भेजे जाने वाले धन के सबसे बड़े हिस्से अंतरराष्ट्रीय यात्रा में भेजे जाने वाली राशि मामूली रूप से गिरकर 1.40 अरब डॉलर हो गई जबकि बीते साल की इस अवधि में इस 1.49 अरब डॉलर भेजे गए थे।
हालांकि अन्य प्रमुख हिस्सों जैसे करीबी रिश्तेदारों को भेजे जाने वाली मद की राशि 34.63 प्रतिशत गिरकर 32.08 करोड़ डॉलर हो गई जबकि यह मई 2023 में 49.09 डॉलर थी। हालांकि ‘उपहार’ में 30.4 प्रतिशत गिरकर 27.19 करोड़ डॉलर हो गई। इस क्रम में विदेशों में शिक्षा के लिए भेजे जाने वाला धन सालाना आधार पर 14.7 प्रतिशत गिरकर 21.09 करोड़ डॉलर गया।