Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2024 01:03 PM
आवासीय मांग में वृद्धि केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गत वित्त वर्ष 2023-24 में 30 मझोले शहरों में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर करीब 2.08 लाख इकाई हो गई।
नई दिल्लीः आवासीय मांग में वृद्धि केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गत वित्त वर्ष 2023-24 में 30 मझोले शहरों में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर करीब 2.08 लाख इकाई हो गई।
रियल एस्टेट डेटा विश्लेषक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने मझोले शहरों के आवासीय बाजार पर शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की। आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में आवासीय बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर 2,07,896 इकाई हो गई, जबकि इससे गत वित्त वर्ष में यह 1,86,951 इकाई थी।
अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, नासिक, गांधीनगर, जयपुर, नागपुर, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और मोहाली का इन 30 मझोले शहरों की कुल बिक्री में 80 प्रतिशत का योगदान रहता है। इन 10 शहरों में 2023-24 में कुल 1,68,998 आवासीय इकाइयों की बिक्री हुई, जो 2022-23 में 1,51,706 इकाई की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है।
अन्य मझोले शहर भोपाल, लखनऊ, गोवा, कोयम्बटूर, रायपुर, विजयवाड़ा, इंदौर, कोच्चि, त्रिवेंद्रम, मैंगलोर, गुंटूर, भिवाड़ी, देहरादून, लुधियाना, चंडीगढ़, आगरा, मैसूर, सोनीपत, पानीपत और अमृतसर हैं।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक समीर जसूजा ने कहा, ‘‘संपत्ति की कम कीमतों और वृद्धि की संभावनाओं के दम पर मझोले शहरों ने बड़े शहरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि किफायती आवास के कारण इन शहरों में बढ़ते मध्यम वर्ग के लिए अपना मकान खरीदने का सपना साकार हो रहा है।