Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2025 04:16 PM
भारत का खुदरा बाजार 2024 में ₹82 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो 2014 में ₹35 लाख करोड़ था। पिछले एक दशक में यह बाजार 8.9% की सालाना दर से बढ़ा है। इस तेज वृद्धि के पीछे भारत की मजबूत आर्थिक विकास दर और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार को प्रमुख कारण...
बिजनेस डेस्कः भारत का खुदरा बाजार 2024 में ₹82 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो 2014 में ₹35 लाख करोड़ था। पिछले एक दशक में यह बाजार 8.9% की सालाना दर से बढ़ा है। इस तेज वृद्धि के पीछे भारत की मजबूत आर्थिक विकास दर और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार को प्रमुख कारण माना जा रहा है। यह जानकारी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) द्वारा जारी रिपोर्ट 'Winning in Bharat & India: The Retail Kaleidoscope' में दी गई है।
2034 तक ₹190 लाख करोड़ के पार होगा खुदरा बाजार
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का खुदरा बाजार अगले 10 वर्षों में दोगुना से अधिक बढ़कर 2034 तक ₹190 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। इसमें सबसे अधिक फायदा उन खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर्स) को होगा, जो भारत की विविध जनसंख्या और बदलते उपभोक्ता व्यवहार को अपनाने में सक्षम होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अलग-अलग उपभोक्ता समूहों की आवश्यकताएं भिन्न हैं, यहां तक कि एक ही शहर में भी ग्राहकों की पसंद अलग-अलग हो सकती हैं। ऐसे में खुदरा कंपनियों को इस विविधता को समझते हुए सही अवसरों को पहचानना होगा और 'भारत' और 'इंडिया' दोनों में अपनी मौजूदगी को प्रभावी ढंग से बढ़ाने की रणनीति बनानी होगी।
मध्यवर्ग और महिला कार्यबल बढ़ा रहे बाजार का आकार
इस बाजार विस्तार के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक तेजी से बढ़ता हुआ उपभोक्ता वर्ग है। अधिक परिवार समृद्ध हो रहे हैं और उनकी खरीदारी की क्षमता बढ़ रही है। हालांकि, मूल्य के प्रति संवेदनशीलता (value-for-money) उपभोक्ताओं के लिए अब भी एक अहम निर्णय कारक बनी हुई है। इसलिए, खुदरा कंपनियों को आकांक्षा (Aspiration) और किफायती कीमतों (Affordability) के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, लेकिन यहां उपभोक्ताओं में काफी विविधता है। एक तरफ तेजी से बढ़ता मध्यवर्ग और बढ़ती समृद्धि है, वहीं दूसरी ओर किफायती कीमतों पर ध्यान देने वाला उपभोक्ता वर्ग भी बना हुआ है। डिजिटल तकनीकों में निपुण Gen Z युवा वर्ग और 45+ उम्र के ग्राहक, दोनों मिलकर नए खरीदारी व्यवहार को आकार दे रहे हैं। इसके अलावा, महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ने से खरीदारी के नए पैटर्न विकसित हो रहे हैं।
डिजिटल युग में भी 58% खरीदारी ऑफलाइन
रिपोर्ट बताती है कि डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ रही है, जिससे ओम्नीचैनल (Omnichannel) रणनीति बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। हालांकि, आज भी भारत में 58% से अधिक खरीदारी पूरी तरह ऑफलाइन ही होती है। इस वजह से खुदरा कंपनियों को डिजिटल और फिजिकल स्टोर्स दोनों का सही मिश्रण अपनाना होगा।