Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2024 05:26 PM
देश के शीर्ष 18 राज्यों का राजस्व चालू वित्त वर्ष 2024-25 में आठ से 10 प्रतिशत बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह कहा गया। इन 18 राज्यों का भारत के सकल राज्य घरेलू उत्पाद...
कोलकाताः देश के शीर्ष 18 राज्यों का राजस्व चालू वित्त वर्ष 2024-25 में आठ से 10 प्रतिशत बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह कहा गया। इन 18 राज्यों का भारत के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 90 प्रतिशत योगदान है। बीते वित्त वर्ष 2023-24 में इन राज्यों के राजस्व में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत जीएसटी संग्रह और केंद्र से वित्त के हस्तांतरण के कारण होगी, जो कुल राज्य राजस्व का करीब 50 प्रतिशत है। इसमें कहा गया कि शराब की बिक्री से प्राप्त राजस्व स्थिर रहने की संभावना है लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए गए बिक्री कर तथा 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदानों का संग्रह मामूली रहेगा। राज्यों के कुल राजस्व में शराब की बिक्री से हासिल राजस्व का योगदान 10 प्रतिशत है।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि राजस्व वृद्धि को सबसे अधिक प्रोत्साहन समग्र राज्य जीएसटी संग्रह और बेहतर कर अनुपालन तथा अर्थव्यवस्था को अधिक संगठित रूप देने से मिलेगा। केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष में 12 से 13 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। वहीं केंद्र से अनुदान चार से पांच प्रतिशत बढ़ेगा, जो बजट व्यय के अनुरूप है।
क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, गणना में चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। राजस्व में सतत वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को अपने राजस्व का विस्तार करने और संग्रह दक्षता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।