Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Oct, 2024 10:35 AM
इस सप्ताह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया इतना कमजोर हुआ कि रिकार्ड ही बन गया। कल यानी शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस गिरावट को कई कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इनमें...
बिजनेस डेस्कः इस सप्ताह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया इतना कमजोर हुआ कि रिकार्ड ही बन गया। कल यानी शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस गिरावट को कई कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इनमें वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में हालिया उछाल और भारत के शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों द्वारा महत्वपूर्ण बिकवाली शामिल है।
और कमजोर हुआ रुपया
एक रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को रुपया और कमजोर हो गया। यह डॉलर के मुकाबले 84.0525 के निचले स्तर को छू गया। इससे पहले निचले स्तर का रेकार्ड 83.9850 था जो 12 सितंबर 2024 को बना था। कल हालांकि, शुरूआती कारोबार में रुपए में थोड़ा सुधार दिखा और दो पैसे की बढ़त के साथ कुछ देर के लिए डॉलर के मुकाबले 83.98 पर मजबूत हो गया था लेकिन तेजी का यह सिलसिला कायम नहीं रहा। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, विभिन्न आर्थिक कारकों के बढ़ते दबाव के कारण रुपया एक बार फिर फिसल गया।
क्रूड ऑयल और शेयर बाजार का असर
विदेशी मुद्रा के व्यापारियों के मुताबिक क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों ने रुपया का खेल खराब किया। इसके साथ ही विदेशी पूंजी के निरंतर भारत से निकाले जाने ने इसके प्रदर्शन पर और बुरा प्रभाव डाला। ऊपर से कल सुबह से शेयर बाजार निगेटिव थे। वहां विदेशी निवेशी बिकवाल बने हुए थे। इससे भी रुपया पर बुरा असर पड़ा।
निरंतर कमजोर हो रहा है
क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों, शेयर बाजार की अस्थिरता और लगातार विदेशी पूंजी के बहिर्वाह के कारण रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। तभी तो यह डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। वर्तमान में, कुवैती दीनार दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा है। इस समय 1 कुवैती दीनार की कीमत 274.40 भारतीय रुपए है।