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Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपए में तेज गिरावट, आयातकों की बढ़ी मांग से नया रिकॉर्ड लो

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Feb, 2025 06:09 PM

rupee fell 14 paise to close at its lowest level ever at 87 57 per dollar

रुपया बृहस्पतिवार को 14 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.57 (अस्थायी) के अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर में कटौती की संभावना बढ़ने से रुपए...

बिजनेस डेस्कः रुपया बृहस्पतिवार को 14 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.57 (अस्थायी) के अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर में कटौती की संभावना बढ़ने से रुपए पर दबाव बढ़ा है। मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कमजोर घरेलू बाजारों और आयातकों की डॉलर मांग से भारतीय मुद्रा नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। इसके अलावा, अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर जारी अनिश्चितता के बीच वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के कारण भी रुपए पर और दबाव पड़ सकता है। 

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.54 प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 87.60 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। अंत में घरेलू मुद्रा डॉलर के मुकाबले 87.57 (अस्थायी) के अबतक तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे की गिरावट है। रुपया बुधवार को 36 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.43 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इस साल अब तक स्थानीय मुद्रा में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। 

घरेलू मुद्रा में यह तेज गिरावट 2024 में अमेरिकी डॉलर/भारतीय मुद्रा जोड़ी में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट के बाद आई है, जिससे यह सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में से एक बन गई है। रुपया एक जनवरी 2024 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.21 पर था। इस साल अब तक रुपया 193 पैसे टूट चुका है। एक जनवरी 2025 को डॉलर के मुकाबले रुपया 85.64 पर था। 

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें कमजोर घरेलू बाजारों और आयातकों की डॉलर की मांग के बीच रुपए के नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करते रहने की आशंका है। अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर जारी अनिश्चितता के बीच वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति रुपये पर और दबाव डाल सकती है। हालांकि, आरबीआई द्वारा किसी भी हस्तक्षेप से रुपए को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।'' चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक के फैसले और अमेरिका में गैर-कृषि पेरोल के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा की हाजिर कीमत के 87.30 से 87.90 के बीच रहने की उम्मीद है।'' इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 108.00 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75.00 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 213.12 अंक की गिरावट के साथ 78,058.16 अंक पर, जबकि निफ्टी 92.95 अंक यानी 0.39 प्रतिशत फिसलकर 23,603.35 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने 1,682.83 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। 
 

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