Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2024 03:56 PM
रोजमर्रा उपयोग की घरेलू वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री की वृद्धि के लिए ग्रामीण भारत एक ‘चमकता सितारा' बना हुआ है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 की दूसरी तिमाही में शहरी क्षेत्रों की तुलना में इस क्षेत्र में विस्तार की बेहतर गति...
नई दिल्लीः रोजमर्रा उपयोग की घरेलू वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री की वृद्धि के लिए ग्रामीण भारत एक ‘चमकता सितारा' बना हुआ है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 की दूसरी तिमाही में शहरी क्षेत्रों की तुलना में इस क्षेत्र में विस्तार की बेहतर गति बनाए रखने की उम्मीद है। आंकड़ा एवं परामर्श कंपनी कंतार की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में एफएमसीजी कंपनियों के लिए शहरी बाजारों की तुलना में ‘बेहतर वृद्धि स्तर' बनाए रखेगा।
रिपोर्ट में ग्रामीण बाजार को ‘चमकता सितारा' बताते हुए कहा गया है कि 2024 में इसमें ‘पुनरुत्थान' होने की संभावना है। जहां शहरी क्षेत्र के तनाव में रहने की संभावना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र साल की दूसरी तिमाही में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस वृद्धि को इसी साल फरवरी में पेश अंतरिम बजट में सरकार द्वारा क्षेत्र-केंद्रित उपायों से मदद मिली है और इससे स्थिरता आई है। कंतार की दूसरी तिमाही की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, इस साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां लोकलुभावन उपायों की उम्मीद की जा रही है।
कंतार की रिपोर्ट के अनुसार, “हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आने वाले महीनों में कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और दूसरी छमाही में ग्रामीण बाजार के लिए लोकलुभावन उपायों में वृद्धि ही देखने को मिलेगी। कोविड-19 के बाद, ग्रामीण बाजार संकट में था और पिछली तिमाहियों में लगातार गिरावट का सामना करना पड़ा था।” रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, ग्रामीण परिप्रेक्ष्य से 2024 की शुरुआत शानदार रही है। ग्रामीण वृद्धि ने शहरी वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है; और ग्रामीण क्षेत्र ऊपर की ओर देख रहा है।”