Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Feb, 2025 01:44 PM
एफएमसीजी क्षेत्र में ग्रामीण बाजारों में अक्टूबर दिसंबर तिमाही में तेजी जारी रही और लगातार चौथी तिमाही में इसने शहरी बाजार को पीछे छोड़ दिया। डेटा एनालिटिक्स फर्म नीलसनआईक्यू की दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं के क्षेत्र पर ‘एफएमसीजी क्वाटरली स्नैपशॉट'...
बिजनेस डेस्कः एफएमसीजी क्षेत्र में ग्रामीण बाजारों में अक्टूबर दिसंबर तिमाही में तेजी जारी रही और लगातार चौथी तिमाही में इसने शहरी बाजार को पीछे छोड़ दिया। डेटा एनालिटिक्स फर्म नीलसनआईक्यू की दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं के क्षेत्र पर ‘एफएमसीजी क्वाटरली स्नैपशॉट' रिपोर्ट के अनुसार, लगातार चौथी तिमाही में ग्रामीण क्षेत्रों ने विकास के मामले में बड़े शहरी बाजारों को पीछे छोड़ दिया है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में त्योहारी मांग से एफएमसीजी उद्योग में मोटे तौर पर खपत-आधारित वृद्धि हुई, जिसमें मुद्रास्फीति के दबाव के कारण 3.3 प्रतिशत औसत मूल्य वृद्धि के बावजूद कुल मात्रा में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि, एफएमसीजी उद्योग में भी ‘‘मात्रा वृद्धि की तुलना में इकाई वृद्धि अधिक है'' जो उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के कारण ‘‘उपभोग में छोटे पैक की ओर उपभोक्ताओं की प्राथमिकता में बदलाव'' को दर्शाता है। एफएमसीजी के ग्राहक सफलता प्रमुख रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा, ‘‘चार तिमाहियों में पहली बार हमने देखा है कि खपत व मूल्य निर्धारण का संयोजन समग्र एफएमसीजी विकास को गति दे रहा है। इसके अतिरिक्त, छोटे व मझोले विनिर्माताओं के छोटे, किफायती पैक खपत को बढ़ावा दे रहे हैं। शीर्ष आठ महानगरों में मंदी के बावजूद, ई-कॉमर्स खरीदारी व्यवहार को प्रभावित करता रहा।''
समीक्षाधीन तिमाही में खाद्य तेल और आवेग श्रेणियों ने खाद्य मात्रा में वृद्धि को बढ़ावा दिया, जबकि ‘होम एंड पर्सनल केयर' (एचपीसी) क्षेत्र के कपड़े धोने संबंधी सामान का खंड खपत चालक रहा। 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में खाद्य उपभोग वृद्धि सात प्रतिशत रही जो 2023 की इसी अवधि में 5.6 प्रतिशत थी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में छोटे/स्थानीय विनिर्माताओं ने उपभोग बढ़ाने में बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया, जिसका कारण खाद्य और एचपीसी दोनों श्रेणियों में मात्रा में लगातार वृद्धि रही।