Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2024 11:41 AM
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत पर कायम रखते हुए कहा है कि ऊंची ब्याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से मांग में कमी आएगी। एशिया प्रशांत के लिए...
बिजनेस डेस्कः एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत पर कायम रखते हुए कहा है कि ऊंची ब्याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से मांग में कमी आएगी। एशिया प्रशांत के लिए सोमवार को जारी अपने आर्थिक परिदृश्य में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी आर्थिक वृद्धि के साथ हैरान कर रही है और बीते वित्त वर्ष (2023-24) में यह 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ जाएगी। ऊंची ब्याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से गैर-कृषि क्षेत्रों की मांग प्रभावित होगी।'' एसएंडपी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रमश: 6.9 प्रतिशत और सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए एसएंडपी का वृद्धि दर का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है। इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
फिच का अनुमान
एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-2025 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहेगी। वहीं एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी।
मूडीज, डेलॉयट और मॉर्गन स्टेनली ने क्या जताई है उम्मीद
मूडीज रेटिंग्स और डेलॉयट इंडिया का अनुमान है कि 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि मॉर्गन स्टेनली ने 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। चीन के लिए एसएंडपी ने 2024 के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है।