Edited By Deepender Thakur,Updated: 27 Mar, 2025 01:25 PM
संदीप भंसाली, एक समय के लोकप्रिय टीवी अभिनेता, आज भारत में डिजिटल क्रांति के अग्रदूत के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कहते हैं, ज़िंदगी में जब रास्ते बंद लगने लगते हैं, वहीं से एक नई शुरुआत होती है। संदीप भंसाली, एक समय के लोकप्रिय टीवी अभिनेता, आज भारत में डिजिटल क्रांति के अग्रदूत के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने न केवल अपना करियर बदला, बल्कि हज़ारों आम भारतीयों को डिजिटल मार्केटिंग और मल्टीपल सोर्सेज़ ऑफ इनकम के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई।
जब टीवी पर छाया एक सिंधी लड़का
संदीप का जन्म पुणे में एक पारंपरिक व्यापारिक सिंधी परिवार में हुआ। पढ़ाई में अच्छे नंबर लाने के बावजूद आर्थिक स्थिति ने उन्हें मेडिकल या इंजीनियरिंग जैसे विकल्पों से दूर रखा। अभिनय का शौक बचपन से था, और इसी जुनून ने उन्हें मुंबई की ओर खींचा। तमाम संघर्षों के बाद उन्होंने "आयुष्मान", "वो रहने वाली महलों की" जैसे कई हिट टीवी सीरियल्स में लीड रोल किए, विज्ञापनों में काम किया, और सिनेमा की दुनिया में भी कदम रखा।
अभिनय से व्यवसाय की ओर
शादी के बाद, परिवारिक व्यवसाय और इलेक्ट्रिकल पैनल इंडस्ट्री में उन्होंने सफलता पाई। पुणे में फैक्ट्री की स्थापना से लेकर व्यापारिक रणनीति तक—संदीप ने व्यावसायिक दुनिया में भी खुद को साबित किया।
लेकिन फिर आई GST, नोटबंदी और COVID जैसी चुनौतियाँ, जिसने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर व्यापार को कैसे डिजिटल किया जा सकता है?
मोबाइल बना गेम-चेंजर
लॉकडाउन के दौरान जब दुकानें बंद थीं, तब उनके हाथ में था केवल मोबाइल और इंटरनेट। यहीं से शुरू हुआ डिजिटल आज़ादी का सफर।
उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग सीखी, वेबिनार्स में भाग लिया और आम लोगों को ऑनलाइन कमाई के तरीके सिखाने शुरू किए। पहले मुफ्त में, फिर सशुल्क कोर्सेस के ज़रिए।
"जब मैंने 999 रुपये में रिकॉर्डिंग ऑफर की, तो कुछ ही मिनटों में मेरे खाते में लाखों की एंट्री हो गई। तभी मैंने जाना कि लोग सीखना चाहते हैं – बस सही मार्गदर्शन चाहिए," वे बताते हैं।
डिजिटल आज़ादी की स्थापना
आज संदीप की संस्था Digital Azadi पूरे भारत में 25,000+ छात्रों की पेड कम्युनिटी चला रही है। केवल तीन लोगों की टीम, लेकिन ऑटोमेशन और डिजिटल टूल्स की मदद से हर छात्र को गाइड किया जाता है।
● वे 35% तक अफ़िलिएट कमीशन देते हैं
● महिलाएं, स्टूडेंट्स, व्यापारियों से लेकर प्रोफेशनल्स तक—हर कोई इससे जुड़ सकता है
● वे वेबिनार, कोर्स, फ्रीलांसिंग और एफिलिएट मॉडल सिखाते हैं
● उनका फोकस है: एक नहीं, कई कमाई के रास्ते बनाना — यही है MSI मॉडल
मूल्य आधारित डिजिटल शिक्षा
संदीप की सीख केवल स्किल्स तक सीमित नहीं है। वे अपने काम को नौ सिद्धांतों पर आधारित बताते हैं:
सत्य, प्रेम, सेवा, शक्ति, भक्ति, युक्ति, तन, मन, धन।
उनका मानना है:
"सीखना बंद तो बढ़ना बंद। लगातार सीखो, खुद को अपडेट करते रहो। तभी सच्ची आज़ादी मिलेगी—डिजिटल आज़ादी।”
एक नया भारत, डिजिटल भारत
संदीप मानते हैं कि भारत में अभी भी डिजिटल उपयोग की केवल 1% क्षमता का दोहन हुआ है। आने वाले वर्षों में इंटरनेट और मोबाइल फोन हर घर को आय का स्रोत बना सकते हैं—अगर सही दिशा मिले।